नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के बाद अब पर्यावरण को बचाने की जंग में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने कदम आगे बढ़ाए हैं और प्रदेश में प्लास्टिक उत्पादन पर शत प्रतिशत बैन लागू कर दिया गया है. इस मामले में छत्तीसगढ सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें खाने-पीने की चीजें, जैसे- कप, प्लेट, गिलास, विज्ञापन के लिए फ्लेक्स, बैनर, फोम और होर्डिंग्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें अभी तक राज्य में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब इसके निर्माण पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. जिसके बाद न तो फैक्ट्री में प्लास्टिक निर्माण होगा और न ही दुकानों पर यह बिकेगी और अगर किसी भी दुकान या जगह पर प्लास्टिक का इस्तेमाल होते दिखेगा तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हाल ही में WHO की प्लास्टिक के घातक परिणाम को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें प्लास्टिक से होने वाले बड़े नुकसानों के बारे में बताया गया था. साथ ही इसके पर्यावरण पर हो रहे दुष्प्रभाव भी बताए गए थे. जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. सरकार ने सरकारी आयोजन, कार्यालय, स्थल, सार्वजनिक कैटरिंग में भी प्लास्टिक या फोम की सामाग्री के इस्तेमाल पर रोक लगाई है.



योग के साथ अब डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों की भी जानकारी देगा WHO का यह एप


विज्ञापन में यह भी बताया गया है कि राज्य में केवल ऐसे ही प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा सकेगा, जो रीसायकल हो सकता है. हालांकि इसके लिए भी राज्य के पयार्वरण संरक्षण मंडल से पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य. प्लास्टिक के रीसायकल के लिए मानक चिन्हों के इस्तेमाल के साथ ही अनुमति मिल सकेगी. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नगरीय ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 के तहत सरकार ने यह नियम बनाया है. वहीं इसकी जांच और निगरानी के लिए विभाग ने राज्य स्तरीय समिति की एक टीम भी बनाई है.