रतलाम: रतलाम के दांतोड़िया गांव के एक किसान ने अपनी खेती के लिए हाई टेक तरीका खोज निकाला है. सोहनलाल पाटीदार नाम के इस व्यक्ति ने अपने खेत पर 5 किलोमीटर दूर से पानी खेत तक लाने के लिए एक सिस्टम लागया है. 


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सोहनलाल पाटीदार ने इस सिस्टम में पानी को कुंडाल तालाब से मोटर लगाकर 5 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई, इसके बाद एक स्टार्टर जिसमें मोबाइल चिप लगी है, उसे पानी की मोटर के मीटर के साथ लगाया. यह स्टार्टर मोबाइल से ऑपरेट होता है. मोबाइल में एक एप्लिकेशन LTLK  के द्वारा इस स्टार्टर को कहीं से भी ऑपरेट किया जा सकता है. वहीं किसी भी कारण यदि बिजली डिसकनेक्ट हुई तब भी मोबाइल पर इसकी जानकारी मिल जाती है.



वहीं पावर सप्लाई कम ज्यादा होने की जानकरी भी मोबाइल पर मिलती है. इस स्टार्टर के साथ किसान सोहनलाल पाटीदार 5 किलोमीटर दूर से पानी की मोटर को चालू व बंद कर देते हैं, ऐसे में सोहनलाल के सिस्टम से खेत मे पानी 5 किलोमीटर कुंडाल तालाब से लाने में उनका समय बच जाता है. मोटर चालू करने के लिए किसान सोहंलाल को 5 किलोमीटर आना-जाना नहीं पड़ता.



इस छेत्र में किसानों को पानी की दिक्कत होती है. ऐसे में करीब 10 किसानों ने 5 किलोमीटर दूर से पाइप लाइन बिछाकर अपने खेत तक पानी लाने की व्यवस्था की है, लेकिन सभी को मोटर चालू करने 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. फिलहाल मोबाइल से पानी लाने का सिस्टम सिर्फ किसान सोहंलाल ने शुरू किया है और अब अन्य किसान भी इसे लगाने के लिए सोहनलाल से जनकरी ले रहे हैं.


मेट्रिक पास किसान 


हाई टेक सिस्टम से अपने खेत तक पानी लाने वाले किसान सोहन लाल ज्यादा पड़े लिखे नहीं हैं. सोहन लाल 10वीं कक्षा पास है, लेकिन एंड्रॉयड फोन (Android phone)  मोबाइल आने के बाद वे अपने मोबाइल से खेती को और उन्नत करने के तरीके सीखने की जानकारी देखते रहते हैं. इसी दौरान उन्हें पानी की मोटर को मोबाइल से चलाने की जानकारी मिली, जिसमें एक स्टार्टर मोबाइल से ऑपरेट होने का पता चलते ही वे खुद इसे खरीद कर लाये और अपने खेत के लिए 5 किलोमीटर दूर से पानी लाने की व्यवस्था को आसान किया.


इसके अलावा भी किसान मोबाइल पर खेती को और उन्नत करने व अलग प्रकार से खेती से ज्यादया लाभ कमाने के तरीकों की जानकारी मोबाइल पर देखते हैं ओर उस तरीके से खेती करने की कवायद करते हैं. इस बार गर्मियों के लिए तरबूज की खेती में लाभ कमाने के लिए मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है और अपने खेत मे प्लास्टिक बेड वाली क्यारियां बनाई हैं. जिसमे खरपतवार ज्यादा नही होगी, पानी की सामान्य तरीके से 75 प्रतिशत कम पानी में ही तरबूज की खेती हो जाएगी.


वहीं ज्यादया मात्रा में पैदावार मिलेगी, इसके लिए अभी से किसान सोहनलाल ने अपने खेत मे मल्चिंग तकनीक से प्लास्टिक पन्नियों से ढकी क्यारियां भी बना दी हैं. जिसमे डेढ़ से दो महीने बाद तरबूज आएंगे. 


मोबाइल का सही उपयोग
आमतौर पर मोबाइल से जानलेवा सेल्फी व बच्चों के मोबाइल गेम के दुष्परिणाम को लेकर आये दिन खबरे आती रहती हैं. मोबाइल को लोगों ने सेल्फी उपकरण बना लिया है, लेकिन किसान सोहन लाल की कवायद ने बताया है कि मोबाइल हर किसी के काम की चीज है. बशर्ते उसका उपयोग सही कार्य के लिए किया जाए. किसान सोहन लाल ने मोबाइल के दुष्परिणाम के बीच मोबाइल के सही उपयोग से उसके बड़े काम की चीज होने की खूबी का संदेश दिया है.


खेती किसानी में शिक्षा जरूरी
माना जाता था कि खेती के लिए पढ़ाई की जरूरत नहीं होती है, लेकिन जिस तरीके से खेती की नई तकनीक ईजाद होने लगी है, खेती के नए उपकरण आने लगे हैं अब खेती के लिए भी शिक्षा की अहम भूमिका है. किसान सोहन लाल 10 वीं कक्षा पास हैं, शिक्षित होने के कारण वे अपने खेत मे नई तकनीक के इस्तेमाल की जानकारी मोबाइल पर ही ले पाए और अब उसी शिक्षा के कारण वे अपनी खेती को लाभ का व्यवस्या बना रहे है.