भोपालः मध्य प्रदेश में हुए युवा कांग्रेस के चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. तीन दिन पहले हुए चुनाव का अब तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है. इस मामले में कई जिलों के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को शिकायत भी भेजी है. उनका आरोप है कि चुनाव से पहले पार्टी में कई नए सदस्य जुड़े थे, जिनके नाम युवा कांग्रेस की वोटर लिस्ट में भी जुड़ गए थे. इस बार इन कार्यकर्ताओं को चुनाव में वोटिंग करना था, लेकिन 2018 के युवा कांग्रेस की वोटर लिस्ट जारी कर ऑनलाइन वोटिंग करा दी गई. इससे नए कार्यकर्ता चुनाव में वोट नहीं कर पाए.


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पुरानी​ वोटिंग लिस्ट जारी होने से पार्टी कार्यकर्ता नाराज
युवा कांग्रेस चुनाव में खड़े उम्मीदवारों ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि पुरानी वोटर लिस्ट जारी होने से 50% सदस्यों को मतदान का अवसर ही नहीं मिला. इसके अलावा हर उम्मीदवार को कहां से कितने वोट मिले यह जानने का अधिकार होना चाहिए. लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया. बताया जा रहा है कि युवा कांग्रेस के पदों के लिए हुई वोटिंग के नए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. नए नियमों के अनुसार एक वोट के रद्द होने के केस में वह वोट सभी कमेटियों के परिणाम से हटा दिया जाएगा. इसका मतलब है कि एक सदस्य द्वारा डाले गए सभी 5 वोट अमान्य हो जाएंगे.


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कुल 3.5 लाख सदस्य, 1.10 लाख ही वोट कर सके
मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस के 3.5 लाख सदस्य हैं, लेकिन वोटिंग सिर्फ 1.10 लाख सदस्यों ने ही की है. अब अगर इन वोटों में से भी कुछ रद्द हो सकते हैं. इसी बात को लेकर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है. राहुल गांधी को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि युवा कांग्रेस के चुनाव में बड़े नेताओं का दखल रहा है. प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने अपने चहेते उम्मीदवारों को पद दिलाने की कोशिश की, जिसके चलते चुनाव प्रभावित हुए. वैलेट पेपर की जगह ऑनलाइन वोटिंग कराई गई. कार्यकर्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी पार्टी में नए लोगों को मौका देना चाहते थे, लेकिन प्रदेश के नेताओं के दखल से उनका यह अभियान सफल होता नजर नहीं आ रहा.


युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार भी नहीं हैं खुश
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार विवेक त्रिपाठी ने वोटिंग के बाद नए दिशा-निर्देश जारी करने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि वोटिंग से पहले पार्टी के डीआरओ को कई बार वोटर लिस्ट सुधारवाने की मांग की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. त्रिपाठी का आरोप है कि वोटिंग के बाद नियम जारी करना सुनियोजित एजेंडे का हिस्सा है. ताकि बड़े नेताओं के चहेते उम्मीदवारों का पदों पर काबिज हो सके. मध्य प्रदेश में 2013 के बाद पहली बार युवा कांग्रेस के चुनाव हुए हैं.


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मध्य प्रदेश में 6 साल बाद हुए युवा कांग्रेस के चुनाव
इसके पीछे विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव और फिर सरकार गिरने से चुनाव नहीं हो पाने का कारण बताया गया था. लेकिन 6 साल बाद हुए चुनाव में भी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. बता दें कि युवा कांग्रेस के चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के पुत्र भी उम्मीदवार थे. युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए कुल 9 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है. फिलहाल कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी युवा कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान कार्यकर्ताओं की शिकायतों पर गंभीर है और जल्द ही कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.


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