इंदौर: इंदौर में हुए राशन घोटाला मामले में SIT गठित कर दी गई है. जिसे एडिशनल एसपी राजेश व्यास लीड करेंगे. साथ ही तीन टी आईं और एक सीएसपी को भी टीम में शामिल किया गया है. आरोपियों के खिलाफ इंदौर 6 थाना क्षेत्र में अलग-अलग 10 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. सभी आरोपियों के अवैध निर्माणों पर प्रशासन का बुलडोजर चल सकता है. मुख्य आरोपी भरत देव के अवैध निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई शुरू हो चुकी है.


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बुधवार को प्रशासन और निगम की टीम राशन माफिया भरत दवे के आफिस पर कार्रवाई करने पहुंची, जहां उसके ऑफिस पर रिमूवल की कार्रवाई शुरू की गई. इस दौरान भरत देव के वकील और निगम के अधिकारियों जमकर बहस हुई. जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में कार्रवाई शुरू की गई.


भरत देव द्वारा अस्सी लाख का गबन सामने आया है. वह न केवल इंदौर बल्कि प्रदेश के कई जिलों में गरीबों के राशन की कालाबाजारी करता था. गिरफ्तारी के बाद उसकी संपत्ति कुर्क कर राशि वसूली जाएगी.जिन व्यापारियों ने इन लोगों से खाद्यान्न खरीदा है उनको भी आरोपी बनाया जाएगा. कुल 31 लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.


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क्या है पूरा मामला?
इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने करोड़ो का राशन घोटाला पकड़ा है. जिसमें 12 राशन की दुकानों से लगभग 51 हजार गरीब परिवारों का राशन बरामद किया गया है. आरोप है कि कुछ नेताओं के संरक्षण में इन राशन माफियाओं ने ये बड़ा घोटाला किया है.


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इंदौर के फूड कंट्रोलर आरसी मीणा को सस्पेंड कर दिया गया है. राशन माफियाओं के साथ उनकी संलिप्ता पाये जाने के बाद उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 5/7 आईपीसी, 420 और राशन में अमानत में खयानत की धारा 409 और 120 बी के तहत मामला दर्ज होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि तीन प्रमुख आरोपी भरत दवे, श्याम दवे, प्रमोद दहिगुडे के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी.


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