रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ने एक बार फिर अपनी परंपरागत सीट राजनांदगांव से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. माना जा रहा था कि इस बार राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ (जेसीसी) के नेता अजीत जोगी उनको इस सीट से टक्‍कर देंगे. लेकिन इस बीच अजीत जोगी ने कहा है कि वह इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे. अब उनके चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि अजीत जोगी की पुत्रवधू रिचा अकलतरा से चुनावी मैदान में हैं.


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जेसीसी के महासचिव अब्दुल हमीद हयात ने इस संबंध में बताया कि उनकी पार्टी के साथ गठबंधन सहयोगी बसपा और भाकपा ने मिलकर ये फैसला किया है. उन्‍होंने कहा कि महागठबंधन के प्रमुख पदाधिकारियों ने एक अहम फैसला लेते हुए यह तय किया कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी, राज्य के किसी भी विधानसभा क्षेत्र चुनाव नहीं लड़ेंगे.


ये रही वजह
इस विषय पर हयात ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन के कार्यकर्ता, पदाधिकारियों के बीच इस बात को उठा रहे थे कि मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को पहले चरण में बस्तर की सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और इसी कारणवश इस संबंध में तत्काल फैसला लेने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि इस विषय पर गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेताओं एवं पदाधिकारियों के बीच चर्चा हुई और यह निर्णय किया गया कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी को कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा बल्कि 90 सीटों में सघन प्रचार कराया जाएगा.


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महागठबंधन के इस निर्णय का कारण बताते हुए महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि अगर जेसीसी अकेले 90 सीटों पर चुनाव लड़ती तो अजीत जोगी खुद चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र थे. लेकिन महागठबंधन होने के वजह से उनके दौरों, सभा और प्रचार कार्यक्रमों की संख्या दोगुनी हो गई है और इसलिए अब उनका समय सभी 90 विधानसभाओं में प्रमुखता से बंटना चाहिए.


अजीत जोगी की पार्टी छत्‍तीसगढ़ जनता कांग्रेस और बसपा एक साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं.(फाइल फोटो)

हयात ने बताया कि अगर जोगी किसी एक सीट से लड़ेंगे तो उनका अधिक समय उस अकेली सीट में प्रचार करने में व्यतीत होगा जिससे महागठबंधन को बस्तर और अन्य स्थानों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसी कारणवश, महागठबंधन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने यह निर्णय किया है कि मुख्‍यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी को किसी भी सीट से चुनाव न लड़ाया जाए.


महागठबंधन के इस फैसले पर अजीत जोगी ने कहा कि महागठबंधन के निर्णय के अनुसार ही वह चलेंगे. महागठबंधन के बाद उत्पन्न परिस्थितियों और उनकी सभी 90 सीटों पर सघन आवश्यकता के अनुरूप यह निर्णय लिया गया है. यह निर्णय छत्तीसगढ़ में महागठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.


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राज्य में चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने महागठबंधन बनाया है. राज्य में 90 विधानसभा सीटों में बसपा 33 सीटों पर, जनता कांग्रेस 55 सीटों पर तथा भाकपा दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी.


छत्तीगसगढ़ में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. राज्य में दो चरणों में 12 नवंबर  और 20 नवंबर को मतदान होगा. पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र और राजनांदगांव जिले की 18 सीटों पर तथा दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान होगा. साल 2013 में हुये इस 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 49 सीटें, कांग्रेस ने 39 सीटें हासिल की थीं जबकि एक-एक सीट बसपा और निर्दलीय के खाते में गई थी.


(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)