Badnawar Election Result: धार जिले की बदनावर विधानसभा सीट मध्य प्रदेश में हुए दलबदल को लेकर चर्चा में रही थी. क्योंकि इस सीट से 2018 में चुनाव जीते कांग्रेस के राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में चले गए थे. जो बाद में बीजेपी से चुनाव जीते थे और शिवराज सरकार में मंत्री बनाए गए थे. बीजेपी ने उन्हें इस बार फिर मौका दिया था. अब इस बार कांग्रेस को यहां से जीत मिली है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2023 में ऐसा रहा परिणाम
कांग्रेस - भवंरसिंह शेखावत ‘‘बाबु जी‘‘ 93733
बीजेपी- राजवर्धनसिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव 90757
कांग्रेस की  2976 वोटों से जीत


दत्तीगांव-शेखावत में मुकाबला 


दरअसल, भंवर सिंह शेखावत बीजेपी के बड़े नेता माने जाते थे. लेकिन जब राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव बीजेपी में शामिल हो गए. तो शेखावत की बीजेपी से दूरिया बढ़नी शुरू हो गई, आखिरकार चुनाव आते-आते उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें इसी सीट से चुनाव लड़ाया. वहीं राज्यवर्धन सिंह ने बीजेपी में शामिल होने के बाद उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी. ऐसे में बीजेपी ने दत्तीगांव पर ही भरोसा जताया था. 


ये भी पढ़ेंः Gandhwani Election Result: गंधवानी में सिंघार को मिलेगी चौथी जीत ? या पहली बार खिलेगा कमल


बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर पूरा जोर लगाया है. बीजेपी की तरफ से सीएम शिवराज और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभाएं की थी. जबकि कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ ने प्रचार किया था. ऐसे में इस सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प दिख रहा है. 


बदनावर सीट का सियासी इतिहास 


बदनावर विधानसभा के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट पर हर बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच बराबर की टक्कर रही है. 1990 के चुनाव में कांग्रेस के प्रेम सिंह दौलत सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद 1993 में  बीजेपी के टिकट पर रमेशचंद्र सिंह राठौड़ जीत कर विधायक बने. 1998 में भी यह सीट बीजेपी के पास ही रही. 2003 के चुनाव में राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए जीत हासिल की. दत्तीगांव ने 2008 में जीत बरकरार रखी. हालांकि 2013 के चुनाव बीजेपी के भंवर सिंह शेखावत ने राजवर्धन सिंह को शिकस्त दी. 2018 के चुनाव में राजवर्धन सिंह कांग्रेस पर चुनाव जीते. फिर 2020 के उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर भी वह चुनाव जीत गए.


ये भी पढ़ेंः कुक्षी सीट पर बीजेपी-कांग्रेस ने लगाया पूरा जोर, क्यों अहम है इस सीट का मुकाबला