MP Vidhan Sabha Chunav Result: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच एकतरफा लड़ाई देखने को मिली, जिसमें जीत बीजेपी को मिली है. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के हिसाब से 2023 का नतीजा बिल्कुल उलट आया है. 2018 में दूसरे दलों के तीन प्रत्याशी जीते थे, जबकि 4 प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव जीतकर आए थे. यानि 15वीं विधानसभा में 7 विधायक ऐसे थे, जो बीजेपी कांग्रेस के अलावा दूसरे दलों से थे. लेकिन 2023 आते-आते इन सातों विधायकों की स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है. इनकी सीटों पर बड़ा उलटफेर हुआ है. 


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7 में से 6 विधायकों ने किया था दलबदल 


2018 में जो 7 विधायक तीसरे दलों से और निर्दलीय जीते थे. उनमें से 6 ने दलबदल किया था. लेकिन 2023 में इन सात में से केवल 2 विधायक ही फिर से विधानसभा पहुंच पाए हैं, जबकि बाकि के 5 को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. 


ये दो विधायक जीते चुनाव 


राजेश शुक्ला


2018 में छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से समाजवादी के टिकट पर चुनाव जीते राजेश शुक्ला ने 2022 में बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें इस बार बिजावर से टिकट दिया था. जहां चुनाव में राजेश शुक्ला ने जीत हासिल की है. इस तरह से 2018 के बाद 2023 का चुनाव भी जीतने में सफल रहे. 


केदार सिंह डावर


खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा सीट से 2018 में निर्दलीय चुनाव जीते कांग्रेस के केदार सिंह डावर को इस बार कांग्रेस ने टिकट दिया था. केदार सिंह डावर ने इस बार भी दम दिखाया और उन्होंने बीजेपी के चंदरसिंह वास्कले 11647 वोटों से हराकर जीत हासिल की है. 


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ये विधायक चुनाव हारे 


प्रदीप जायसवाल 


बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा सीट से 2018 में निर्दलीय चुनाव जीते प्रदीप जायसवाल इस बार चुनाव के ऐन पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद भाजपा ने उन्हें टिकट दिया था. लेकिन चुनाव में प्रदीप जायसवाल को कांग्रेस के विवेक पटेल से कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है. 


रामबाई 


2018 में दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव जीते रामबाई सबसे ज्यादा मुखर रही है. वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती थी. इस बार भी वह बसपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ी थी. लेकिन उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. 


सुरेंद्र सिंह शेरा 


बुरहानपुर विधानसभा सीट पर 2018 में निर्दलीय चुनाव जीते सुरेंद्र सिंह शेरा इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें बीजेपी अर्चना चिटनिस के हाथों हार का सामना करना पड़ा है. शेरा  2019 के दलबदल के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहे थे. लेकिन इस बार उन्हें हार मिली है. 


संजीव कुशवाहा 


2018 में भिंड विधानसभा सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव जीते संजीव कुशवाहा के साथ इस बार सबसे ज्यादा खेल हुआ है. संजीव कुशवाहा 2022 में बीजेपी में शामिल हो गए. लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट दिया. जिसके बाद वह फिर से बसपा में शामिल हुए और चुनाव लड़े. लेकिन इस बार उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा है. 


राणा विक्रम सिंह 


आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा सीट से 2018 में निर्दलीय चुनाव जीते राणा विक्रम सिंह भी 2022 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद इस बार उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया था. लेकिन राणा विक्रम सिंह को कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है. 


यानि 2018 में निर्दलीय और तीसरे दलों से चुनाव जीते प्रत्याशी इस बार ज्यादा कुछ कमाल नहीं दिखा पाए. 7 में से केवल 2 विधायक ही चुनाव जीत पाए और इस बार वह भी बीजेपी और कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे हैं. जबकि बाकि के पांच विधायकों को हार का सामना करना पड़ा है. 


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