Chhattisgarh News: 26-27 नवंबर की दरमियानी रात हुए भांसी डामर प्लांट में आगजनी के मामले में माओवादियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. माओवादियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी ने इस आगजनी की जिम्मेदारी ली है. बताया कि एनसीएल कंपनी द्वारा जल, जंगल और पर्यावरण को नष्ट किया जा रहा है. रोड निर्माण कर भांसी डिपॉजिट नंबर 4 के खदान का दोहन असली मक़सद है, जिसके विरोध में इस आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया है. 


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एक बार फिर लंबे अंतराल के बाद माओवादियों ने दंतेवाड़ा के शहरी क्षेत्र में एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है. भांसी थाना से लगभग एक से दो किलोमीटर की दूरी पर माओवादियों ने रात के लगभग 01 से 02 बजे के बीच दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच स्थित भांसी गांव के मेन रोड से लगे डामर प्लांट में लगे लगभग 14 से 15 वाहनों में आग लगा दी. 


ऑटोमेटिक हथियारों से लैस थे नक्सली
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक बजे के करीब 50 से 60 की संख्या में हथियार बंद माओवादी आए, जो ऑटोमेटिक हथियार और तीर धनुष से लेस थे. डामर प्लांट में घुसे और डामर प्लांट में काम करने वाले मजदूरों और सुपरवाइजर को बंधक बनाकर, जितने भी मजदूर और चौकीदार थे सबको धमकी देकर जेसीबी, हाइवा, पिकअप वाहनों में आगजनी कर फरार हो गए. इसके अलावा जाते-जाते नक्सली रेलवे दोहरीकरण में लगी एक पोकलेन को भी आग लगा कर फरार हो गए. भांसी थाना से महज 02 किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग पर नक्सलियों ने पूरी घटना को अंजाम दिया है.


पुलिस के हत्थे चढ़े 2 नक्सली
दूसरे ओर दंतेवाड़ा में 21 नवंबर को सर्चिंग में निकले सुरक्षाबलों पर फायरिंग करने और आईईडी ब्लास्ट में शामिल एक नाबालिग सहित दो माओवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आईईडी ब्लास्ट में बस्तर फाइटर के दो जवान घायल हुए थे. गिरफ्तार माओवादी का नाम हूंगा कुंजाम है और दूसरे का सुक्का कुंजाम है. गिरफ्तार तीनों माओवादियों में एक नाबालिग है. तीनों माओवादियों के कब्जे से सुरक्षाबलों को टिफिन बम, डेटोनेटर वायर, टाइगर बम फटाका, बिजली वायर सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है.