रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने 5 राज्यों चुनावी नतीजों से ठीक पहले ईवीएम पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी का जनादेश तेजी से खत्म हो रहा है, लेकिन ईवीएम के सहारे वह सत्ता में बनी हुई है. उन्होंने कहा कि लगभग सभी दलों द्वारा ईवीएम का विरोध किए जाने के बाद भी बीजेपी ईवीएम के इस्तेमाल पर ही अड़िग है, उसका यह रूख ईवीएम को लेकर संदेह को और ज्यादा पुख्ता करता है.


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बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना विधानसभा चुनावों की कुछ ही समय बाद मतगणना शुरू होने जा रही है. ऐसे में आजम खान ने विवादित बयान देकर राजनीतिक हलके में ईवीएम को लेकर फिर से विवाद खड़ा कर दिया है. हालांकि आजम खान से पहले तमाम राजनीतिक दल ईवीएम को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. इनमें कांग्रेस, बीएसपी, आम आदमी पार्टी समेत कई दल शामिल हैं.


चुनाव आयोग ने किए ये इंतजाम
राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम का विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. मसलन मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मतगणना के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के 1 मतदान केंद्र की ईवीएम (EVM) और वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की पर्ची का मिलान किया जाएगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) कार्यालय के मुताबिक मतगणना में हरेक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र का चुनाव रेंडम आधार पर किया किया जाएगा. चयनित मतदान केंद्र में उपयोग में लाए गए वीवीपेट की पर्ची का मिलान ईवीएम के कंट्रोल यूनिट में प्रदर्शित संख्या से किया जाएगा. यह कार्य उम्मीदवार, निर्वाचन अभिकर्ताओं एवं केंद्रीय प्रेक्षक की उपस्थिति में होगा. इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.


सीईओ कार्यालय के अनुसार, मतगणना कक्ष के अंदर ही वीवीपेट की पर्ची से वोट का सत्यापन होगा. इस मतगणना के लिए वीवीपेट काउंटिंग बूथ ठीक वैसे ही तैयार किया जाएगा जैसा बैंकों में होता है. इसके लिए निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी उम्मीदवारों को पूर्व में ही सूचना दी जाएगी. मतदान केंद्र के चयन के लिए सफेद कागज की पर्ची पर मतदान केंद्रों के नंबर लिखकर कंटेनर में डाले जाएंगे और पर्ची निकालकर केंद्र का रेंडम चयन होगा. यह कार्य ईवीएम से गणना के अंतिम राउंड के तत्काल पश्चात किया जाएगा. यह कार्य केंद्रीय प्रेक्षक की उपस्थिति एवं कड़ी निगरानी में होगा.