वालंटियर दीपक मारवी मौत मामले में अस्पताल को क्लीनचिट, 9 दिन पहले लगी थी covaxin ट्रायल डोज
वालंटियर की मौत के बाद कांग्रेस ने सरकार से जांच कराने की मांग की थी, जिसके बाद शनिवार को सरकार ने फार्मालॉजी विभाग के अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच कराई थी.
भोपाल: राजधानी भोपाल में कोवैक्सीन (Covaxin) का ट्रायल डोज लगाने के बाद वालंटियर दीपक मारवी की मौत मामले में देर शाम पीपुल्स हॉस्पिटल को क्लीनचिट दे दी गई. वालंटियर की मौत के बाद कांग्रेस ने सरकार से जांच कराने की मांग की थी, जिसके बाद शनिवार को सरकार ने फार्मालॉजी विभाग के अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच कराई थी. 5 घंटे चली जांच के बाद कमेटी ने अस्पताल प्रबंधन को क्लीनचिट दे दी.
भोपाल में कोरोना Covaxin का ट्रायल डोज लगवाने वाले वालंटियर की मौत, अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल
वहीं, वालंटियर दीपक मारवी की मौत का मुद्दा गरमाने के बाद पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन अनिल दीक्षित ने भी इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि दीपक मारवी की मौत कोवैक्सीन (Covaxin) का ट्रायल डोज लगने से हुई या फिर अन्य कारणों से. क्योंकि दीपक मारवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात लिखी गई है कि उसकी मौत बॉडी में फैले जहर की वजह से आए हार्ट अटैक से हुई है.
दीपक मारवी के मौत मामले में सियासत गरमाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी बयान दिया है. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि कोवैक्सीन के डोज से किसी की मौत नहीं हुई है. दीपक मारवी के मामले में यह बात सामने आई है कि जहर की वजह से उसको हार्ट अटैक आया, जिस कारण उसकी जान गई. प्रभुराम चौधरी ने कहा,''वैक्सीनेशन के 30 मिनट के अंदर अगर रिएक्शन होता है तो दिखने लगता है. कोवैक्सीन की डोज लेने के 24 से 48 घंटे के बाद भी किसी वालंटियर पर इसका विपरीत असर देखने को नहीं मिला है. पोस्टमार्टम में जहर से जान जाने की बात सामने आई है.''
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं भी एक डॉक्टर हूं, मुझे पता है. हालांकि हर मौत दुखद होती है. इसलिए मामले की जांच कराई जाएगी. इसके अलावा उन्होंने डॉक्टरों को कोवैक्सीन (Covaxin) ट्रायल में शामिल रहे हर वालंटियर के हेल्थ की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर कांग्रेस लोगों में भ्रम फैला रही है. वैक्सीन का कोई गलत प्रभाव होता तो एक से दो दिन में दिख जाता.
आपको बता दें कि कोरोना कोवैक्सीन (Covaxin of Bharat Biotech) का ट्रायल डोज लगवाने वाले वालंटियर दीपक मरावी (47) की 21 दिसंबर की रात मौत हो गई. इस बात की जानकरी वालंटियर की मौत के 19 दिन बाद सामने आई है. दीपक मरावी को 12 दिसंबर को टीका लगाया गया था. जिसके बाद से उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. इस दौरान हॉस्पिटल द्वारा उनके स्वास्थ्य की भी जानकारी नहीं ली गई. जबकि गाइडलाइन के मुताबिक ट्रायल में शामिल होने वाले वालंटियर की हेल्थ रिपोर्ट हर दिन लेनी होती है.
दीपक मरावी की मौत से टीका लगाने वाले पीपुल्स अस्पताल के ट्रायल सिस्टम पर भी सवाल उठने लगे हैं. हालांकि, प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दीपक मरावी की मौत का कारण जहर के कारण हार्ट अटैक आना बताया गया है. उनकी मौत कोवैक्सीन का टीका लगवाने से हुई या किसी अन्य कारण से, इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद होगी. फिलहाल दीपक के शव को विसरा पुलिस को सौंप दिया गया है.
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