आकाश द्विवेदी/भोपाल: कोरोना काल में जहां इंसान अपनों से मुंह मोड़ रहा है और रोज ही मानवीय संवेदनाओं के मरने की खबरें आ रही हैं. ऐसे में राजधानी में रहने वाला एक शख्स उम्मीद की किरण बनकर उभरा है. कोरोना काल में किसी को मुसीबत में देखकर लोग जब नजरे फेर रहे होते हैं वहां यह शख्स एक मसीहा की तरह पहुंचता और निस्वार्थ भाव से सेवा में जुट जाता है.


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हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं उनका नाम है जावेद खान. जो पेशे से एक ऑटो ड्राइवर हैं, लेकिन कोरोना काल में उन्होंने दूसरों की मदद का जिम्मा अपने कंधों पर उठाया हुआ है. इसके लिए उन्होंने अपनी रोजी-रोटी का एक मात्र सहारा (ऑटो) को एंबुलेंस में तब्दील कर दिया. जिसे भी मदद की जरूरत होती है उसे वह फ्री में अस्पताल तक पहुंचाने के लिए हमेशा तैयार खड़े रहते हैं.


मदद के लिए रोज सुबह घर से निकलते हैं
कोरोना कहर के बीच जहां कदम-कदम पर जान को खतरा है, ऐसे में जावेद जिंदादिली की मिसाल पेश करते हुए रोजाना अपना ऑटो एंबुलेंस (auto ambulance) लेकर घर से निकल जाते हैं जरूरतमंदों को अस्पताल तक पहुंचाते हैं. मरीज को ऑटो में बिठाने से पहले वह उसका ऑक्सीजन लेवल जरूर चेक करते हैं, अगर जरूरत होती है तो उसे ऑक्सीजन भी लगाते हैं.



एंबुलेंस ऑटो की खासियत
जावेद ने अपने ऑटो में ऑक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था की है. ताकि अस्पताल ले जाते वक्त अगर रास्ते में ऑक्सजीन की जरूरत पड़ी तो उसे आराम से ऑक्सीजन मिल सके. इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल चेक करने की व्यवस्था की गई है. कोरोना काल में जावेद जिस तरह से दूसरों की मदद कर रहे हैं समाज को उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. जावेद के इस कदम से लोग उन्हें अब रियल हीरो के नाम से पुकारने लगे हैं...


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