MP Politics: एकतरफ जहां पूरा मध्य प्रदेश नवरात्रि के जश्न में डूबा हुआ था वहीं दूसरी तरफ MP बीजेपी में बड़ा खेला होते होते रह गया. अपनी ही सरकार और पार्टी से नाराज होकर भाजपा विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई. मध्य प्रदेश के सागर जिले में गुरुवार को एक उलटफेर वाला सियासी घटनाक्रम होते होते रह गया. यहां पहले शाम को देवरी से भाजपा विधायक और कद्दावर नेता बृजबिहारी पटेरिया उर्फ गुड्‌डा भैया ने पार्टी से नाराजगी के चलते इस्तीफा दे दिया, बाद में सुबह खबर आई कि उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. बताया जा रहा है कि विधायक पटेरिया की नाराजगी दूर की गई, जिससे कोई बड़ा नुकसान ना हो. 


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सीनियर नेताओं ने मनाया 
जानकारी के मुताबिक, पार्टी से नाराजगी के चलते इस्तीफे की पेशकश करने वाले रूठे विधायक ब्रजबिहारी को देर शाम तक मनाने की कोशिश चलती रही.  इसके बाद यू टर्न लेते हुए विधायक ने खुद इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण और गुस्से में लिया हुआ कदम बताया. पटेरिया ने कहा कि इस्तीफे का फैसला आक्रोश में लिया गया था, मैंने यह कदम गुस्से में उठाया था. लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव हमारे साथ हैं, पूरा संगठन साथ है. जिन कार्यकर्ताओं ने इस पद तक पहुंचाया है उनके आदेश का पालन करना होगा. 


इस वजह से दिया था इस्तीफा
जानकारी के मुताबिक एक दिन पहले 10 अक्टूबर को पटेरिया ने विधायक पद से इस्तीफा की पेशकश करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था. उन्होंने कहा था कि पीड़ित के पक्ष में थाना केसली में FIR दर्ज नहीं होने से आहत हूं,  पीड़ित हूं व्यथित हूं,  जिसकी वजह से इस्तीफा दे रहा हूं. 


पुलिस वाले नहीं सुनते हैं विधायकों की बात
कुछ दिन पहले ही एमपी के मऊगंज से भाजपा विधायक का पुलिस अधिकारी के सामने दंडवत होने का मामला सामने आया था तब भी यह आरोप लग रहे थे कि पुलिस वाले विधायकों की नहीं सुनेत हैं. इसके बाद प्रदेश में राजनीति गरमा गई थी. अभी वो मामला थमा भी नहीं था कि सागर जिले के देवरी से भाजपा विधायक बृजबिहारी पटेरिया का मामला सामना आ गया. दरअसल बृजबिहारी पटेरिया गुरुवार शाम को किसी पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए केसली थाना आते है जहां उनकी बात नहीं सुनी जाती. विधायक अपने समर्थकों के साथ थाने में ही धरने पर बैठ जाते है. पुलिस अधिकारियों के नहीं सुनने पर वे गुस्से में आ जाते हैं और लेटर हेड मंगवाकर वहीं इस्तीफा लिख कर विधानसभा अध्यक्ष को भेज देते हैं.


कांग्रेस को झटका देकर भाजपा में शामिल हुए थे पटेरिया 
आपको बताते चलें कि दो साल पहले 2022 में  बृजबिहारी पटेरिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. उस वक्त मध्य प्रदेश के तत्कालिन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा था. बृजबिहारी पटेरिया के कांग्रेस छोड़ने पर तत्कालिन  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र सिंह चौहान और वीडी शर्मा सहित कई अन्य भाजपा नेता ने बधाई दी थी.


1998 में कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव जीते थे बृजबिहारी पटेरिया
1998 में पहली बार कांग्रेस की टिकट पर बृजबिहारी पटेरिया ने देवरी से चुनाव जीता था. जिसके बाद उन्होंने 1998 से 2003 तक कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व देवरी के विधायक के रूप में कार्य किया था.