Shilpa-Raj Get Relief From High Court: ईडी ने 27 सितंबर को शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी जांच में नोटिस भेजा था. इस नोटिस में उन्हें मुंबई के जुहू में मौजूद उनका घर और पुणे का फार्महाउस खाली करने के लिए कहा गया था, जिसके बाद अब उनको बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.
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Shilpa Shetty-Raj Kundra Get Relief From High Court: प्रवर्तन निदेशालय ने 27 सितंबर को बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी जांच में नोटिस भेजा था. इस नोटिस में उन्हें मुंबई के जुहू में मौजूद उनका घर और पुणे का फार्महाउस को 10 दिन के अंदर खाली करने के लिए कहा गया था. वहीं, अब उनको बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. ईडी ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि वे शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को दी गई बेदखली नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा.
जब तक कि कोर्ट उनकी प्रॉपर्टी की कुर्की के खिलाफ दायर याचिका पर अपना फैसला नहीं सुनाती. शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने बिटकॉइन फ्रॉड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस नोटिस का मकसद उनकी प्रॉपर्टी को जब्त करना था. याचिका में उन्होंने कहा कि ये नोटिस गलत और बिना वजह दिया गया है. इसलिए इसे रद्द किया जाए. गुरुवार को जस्टिस रेवती मोहिते ढेरे और जस्टिस पीके चव्हाण की बेंच ने ईडी से सवाल किया कि इतनी जल्दी घर खाली करने का नोटिस जारी करने की क्या जरूरत थी?
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को हाईकोर्ट से मिली राहत
उन्होंने आगे कहा कि खासकर जब याचिकाकर्ताओं के पास अपील करने का ऑप्शन था. ईडी के वकील ने बताया कि जब तक अपीलेट अथॉरिटी कुंद्रा और शेट्टी की अपील पर फैसला नहीं देती, तब तक ईडी के नोटिस पर रोक रहेगी. बेंच ने निर्देश दिया कि अगर अथॉरिटी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ फैसला सुनाती है, तो उस पर दो हफ्तों तक अमल न किया जाए. इसके बाद बेंच ने मामले को खत्म कर दिया. बुधवार को कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया, जो राज कुंद्रा की याचिका के बाद आया. इस याचिका में कुंद्रा ने ईडी की ओर से जारी नोटिस को नियमों के खिलाफ बताया था और उसे रद्द करने की मांग की थी.
किसी भी गैरकानूनी कमाई से कोई लेना-देना नहीं
याचिका के मुताबिक, कुंद्रा पिछले 20 साल से मुंबई के जुहू इलाके में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. इसलिए उन्होंने मानवता के आधार पर अंतरिम राहत की अपील की और 27 सितंबर को जारी नोटिस पर रोक लगाने की मांग की. याचिका में कहा गया था कि ऐसी नोटिस की कोई जरूरत नहीं थी. ईडी ने 2018 में बिटकॉइन से जुड़े एक मामले में केस दर्ज किया था, लेकिन इसमें राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी का नाम शामिल नहीं है. इससे पहले, दोनों ने ईडी के साथ पूरी तरह से सहयोग किया था. उनका इस मामले से जुड़ी किसी भी गैरकानूनी कमाई से कोई लेना-देना नहीं है.
राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी के वकिल का बयान
राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी के वकिल प्रशांत पाटिल का कहना है, 'सबसे पहले, ये साफ कर देना जरूरी है कि राज कुंद्रा और उनकी पत्नी शिल्पा शेट्टी कुंद्रा का क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े किसी पोंजी स्कैम से कोई लेना-देना नहीं है. ईडी द्वारा की जा रही जांच भी इस तरह का नहीं है. 2017 में जिस पोंजी स्कैम का जिक्र हो रहा है. उससे इनका कोई संबंध नहीं है. ईडी ने उनके घरों के खिलाफ बेदखली का नोटिस भेजा था, जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने रोक दिया है. इससे राज कुंद्रा और शिल्पा को दिल्ली में अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील करने का समय मिल गया है. वे ईडी की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं'.
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