madhya pradesh news-मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से चौंकाने वाले मामला सामने आया है. जहां एक 7वीं पास आदमी बड़े साइबर गैंग का मुखिया निकला. शहर की कोलार पुलिस ने खाते बेचने वाली गैंग को गिरफ्तार किया है. इस गैंग के दो लोगों के खाते में पिछले 3 महीने में 3 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया गया है. हैरानी की बात यह है कि इस गैंग का मुखिया महज 7वीं पास है. 


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वहीं इस पूरे खेल में लिव इन पार्टनर्स भी शामिल हैं. 


 


आरोपियों के पास मिला सामा


पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 3 कार्ड स्वाइप मशीन, 6 मोबाइल फोन, 34 क्रेडिट-डेबिट कार्ड, 6 पास बुक, 20 चेक बुक, 77 सिम कार्ड, 2 डायरी,  1 कॉपी, 12 एटीएम, 1 लैपटॉप, पिन रैपर, 2 वाई-फाई राउटर समते 8 लाख रुपए जब्त किए हैं. ये आरोपी देशभर में अब-तक 120 से ज्यादा खाते बेच चुके हैं. 


 


आधार-पैन बनाते थे


पुलिस के अनुसार आरोपी आधार और पेन कार्ड, गुमास्ता बनवाने का काम करते थे. ये लोग गरीब और मजदूरों को खोजकर उनके दस्तावेज से फर्जी तरीके से खाता खुलाते थे. इसके बाद आरोपी इन बैंक खातों को देश भर में साइबर जालसाजों को बेच देते थे. 9 दिसंबर को बैंक ऑफ महाराष्ट्र मंदाकिनी कोलार शाखा से पुलिस को एक ईमेल मिला. ई-मेल में बताया गया कि राहुल श्रीवास्ताव नाम का शख्स बैंक का खाता बंद करवाने आया है, इसके खाते में पिछले 3 महीने में 3 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया गया है. 


 


45 हजार में बेचा था खाता


जांच के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तब राहुल ने पुलिस को बताया कि उसने 45 हजार रुपए में घनश्याम सिंगरोले जो कि रायसेन जिले का रहने वाला है उसे बेचे हैं. इन बेचे गए खातों में एक खाता उसका और दूसरा खाता उसकी पत्नी का है. घनश्याम ने ही उसे खाते बेचने का आइडिया दिया था. और उसने ही बागसेवनिया इलाके में रहने वाले लिवइन पार्टनर्स निकिता प्रजापति और नितेश शुक्ला से मिलवाया था. उन्होंने जितने खाते बेचे है उनके बदले उन्हें कमीशन मिलता था.