सिंगरौली: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली और सिस्टम को धता बताने वाली खबर सामने आई है. यहां एक लाचार पिता अपने बेटी के शव को खाट पर रखकर इसलिए 25 किलोमीटर चला क्योंकि उसे एम्बुलेंस नहीं मिली. शिवराज सरकार की अमेरिकी से भी अच्छी सड़कों की पोल तब खुली जब यह तस्वीर और खबर सोशल मीडिया पर सनसनी बन गई. इसके बाद अधिकारी मामले में लीपापोती करने लगे. सीएसपी अनिल सोनकर ने कहा कि रोड सही नहीं था, इसलिए एम्बुलेंस नहीं दे पाए.


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क्या है मामला?
मामला निवास पुलिस चौकी क्षेत्र के गड़ई गांव का हैं. यहां पीड़ित धिरुपति की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उसने इस घटना की जानकारी निवास पुलिस चौकी को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर दिया. पोस्टमॉर्टम के लिए शव को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने को कहा, लेकिन एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई. पुलिस के डर से लाचार पिता बेटी के शव को खाट पर ही रखकर कुछ लोगों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले गया. 


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पुलिस की सफाई
इस मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई तो प्रशासन ने इसे भ्रामक बता दिया. सिंगरौली पुलिस अधीक्षक ऑफिस से जारी बयान के मुताबिक, घटना की सूचना मिलने पर चौकी प्रभारी निवास अरुण सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर 6 मई को पहुंचे थे. शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निवास लाया गया और पोस्टमार्टम के उपरांत शव को ट्रैक्टर के माध्यम से गांव पहुंचाया गया. 


सीएसपी ने ये बयान दिया
वहीं इस मामले में सीएसपी अनिल सोनकर ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं होती है. पोस्टमार्टम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में या जिला अस्पताल में होते हैं. जंगल से गांव तक वाहन का कोई रास्ता नहीं है. इस कारण शव को खटिया पर लाया गया था. 


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