किराया सूची चस्पा ना करना पड़ा महंगा, 349 यात्री बसों पर लगा भारी जुर्माना
बिलासपुर में परिवहन विभाग द्वारा किराया सूची चस्पा ना करने वाले बसों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. दरअसल, यहां जिले भर में चल रही सभी बसों में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा था. इसके अलावा दिव्यांग और सीनियर सिटीजन को शासन की ओर से दिए जाने वाले छूट का लाभ नहीं दिया जा रहा था.
Bilaspur News: बिलासपुर में परिवहन विभाग द्वारा किराया सूची चस्पा ना करने वाले बसों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. दरअसल, यहां जिले भर में चल रही सभी बसों में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा था. इसके अलावा दिव्यांग और सीनियर सिटीजन को शासन की ओर से दिए जाने वाले छूट का लाभ नहीं दिया जा रहा था. जिसको लेकर बसों पर बड़ी कार्रवाई की गई है.
बता दें कि राउंड फिगर की आड़ में अधिक किराया वसूल करने को लेकर 349 बसों पर कार्रवाई करते हुए 4 लाख 47 हजार 800 रुपए का जुर्माना किया गया है. वहीं, किराया सूची चस्पा नहीं करने वाले 3 बसों पर 40 हजार रुपए जुर्माना किया गया है.
जानिए नियम
दरअसल, बसों में सफर करने वाले विशेष वर्गों को किराये में छूट देने का प्रावधान है. जिसमें दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक और अन्य अधिसूचित वर्ग शामिल हैं. विशेष रूप से दृष्टिहीन व्यक्ति, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से असमर्थ व्यक्ति, 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिक और एचआईवी पीड़ित व्यक्ति को यात्री किराये में 100 प्रतिशत छूट दी जाती है. इसके साथ ही, नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्तियों को 50 प्रतिशत छूट दी जाती है, ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके. लेकिन निजी बस संचालक इसका पालन नहीं कर रहे हैं.
राउंड फिगर में लिया जाता है किराया
बिलासपुर में बसों में किराये के नाम पर आम लोगों से लाखों रुपए की हेराफेरी की जा रही है. यहां यात्रियों से किराया राउंड फिगर में लिया जाता है. यानी 13 रुपए 50 पैसे किराया होने पर 14 रुपए लिया जाता है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने इसे आम यात्रियों से लूट बताते हुए चार सप्ताह के भीतर उचित निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.
वहीं, राज्य सरकार ने बताया कि किराये पर पुनर्विचार के लिए पत्र गलती से विधि विभाग को भेज दिया गया था. इस संबंध में कैबिनेट में निर्णय होना है.
हाई कोर्ट ने हर बस स्टैंड पर किराया सूची चस्पा करने, बसों में डिस्प्ले बोर्ड लगाने और किराये पर पुनर्विचार करने को कहा था. इस मामले में 15 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान बताया गया था कि इस संबंध में विधि एवं विधायी विभाग को पत्र भेजा गया है. विधि एवं विधायी विभाग से इस संबंध में अधिसूचना जारी होगी.कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि विधि विभाग को पत्र गलती से भेज दिया गया था. इस संबंध में कैबिनेट में निर्णय होना है. हाई कोर्ट ने इस पर चार सप्ताह के भीतर कैबिनेट की बैठक कर निर्णय लेने को कहा है.
हाई कोर्ट के सुनवाई करते हुए सख्त रवैये को देखते हुए आरटीओ ने बसों में किराया सूची की जांच शुरू की. इस दौरान कई बसों की जांच की गई. आरटीओ आनंद रूप तिवारी ने जिले में संचालित सभी बस मालिकों के अलावा बसों में चलने वाले कंडक्टर को चेतावनी दी है कि यात्रियों से मनमानी वसूली करने की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आरटीओ ने कहा शासन का नियम है कि दिव्यांगजन और अन्य अधिसूचित वर्गों को किराये में छूट देने के प्रावधान का अनिवार्य रूप से पालन करें.
रिपोर्ट- शैलेंद्र सिंह ठाकुर बिलासपुर
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