दुर्गेश सिंह बिसेन/पेंड्रा: छत्तीसगढ़ के पहले सीएम स्व. अजीत जोगी (Ajit Jogi) के समाधिस्थल की मिट्टी को मंगलवार को अमरकंटक के अरंडी संगम सहित 4 अलग-अलग नदियों में प्रवाहित कर दिया गया.  अजीत जोगी ने निधन से पहले अंतिम इच्छा जताई थी कि उनकी समाधिस्थल की मिट्टी पेण्ड्रा , गौरेला इलाके की पवित्र नदियों नर्मदा, सोन, अरपा , बांनघाट - पीढ़ा, माटीनाला में प्रवाहित कर दी जाए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ममता बनर्जी पर बरसे विजयवर्गीय, बोले- उन्हें बंगाल के मजदूरों की नहीं है कोई चिंता


निधन से पहले अजीत जोगी ने स्वरचित कविता "वसीयत" में इस बात की जिक्र की थी. इस कविता में उन्होंने लिखा था कि बचपन में वे जहां खेला करते थे, उनके समाधिस्थल की मिट्टी को उन नदियों में प्रवाहित कर दिया जाए. साथ ही समाधिस्थल की मिट्टी के कुछ अंश को वनों के बीच छोड़ दिया जाए, ताकि इन्हीं जंगलों में वे अपने आप को समाहित कर लें.


अजीत जोगी के अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए मंगलवार को अपने पुत्र धर्म का निर्वहन करते हुए उनके बेटे अमीत जोगी, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह सहित परिवार के अन्य सदस्य ज्योतिपुर समाधि स्थल पहुंचे. जहां उनके समाधिस्थल की मिट्टी को विभिन्न कलशों में एकत्र  किया गया और इसके बाद कलश यात्रा निकाली गई.


विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ BJP अध्यक्ष बनाए जाने पर CM बघेल सहित इन दिग्गजों ने दी बधाई


आपको बता दें कि स्व.अजीत जोगी का अंतिम संस्कार पेंड्रा स्थित उनके पैतृक गांव जोगीसार में ईसाई रीति रिवाज के अनुसार किया गया था.


Watch Live TV-