रायपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सरकार द्वारा संचालित एक शिविर में नसबंदी के बाद उत्पन्न जटिलताओं के चलते जान गंवाने वाली महिलाओं की संख्या बढ़कर 13 हो गई है जबकि लगभग 50 अन्य को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरकार ने चार चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है जबकि स्वास्थ्य सेवा निदेशक का स्थानांतरण किया गया है।


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छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स) के चार चिकित्सकों के एक दल को पीड़ित महिलाओं के उपचार के लिए एक विशेष विमान से बिलासपुर भेजा जा रहा है।


बिलासपुर जिले के कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि जिले के सकरी (पेंडारी) गांव में शनिवार को एक निजी अस्पताल में शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य शिविर में 83 महिलाओं का आपरेशन किया गया था। बाद में 60 महिलाओं ने उल्टी और सिरदर्द की शिकायत की तब उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।


अभी तक इस घटना में 13 महिलाओं की मौत हो गई है। जान गंवाने वाली सभी महिलाओं की उम्र 32 साल से कम है। बिलासपुर में नसबंदी के दौरान महिलाओं की मौत के मामलों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से पूरे मामले में विस्तृत जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो 10 दिन की तीन देशों की विदेश यात्रा पर आज रवाना हुए, ने इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे पर म्यांमार से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात की और इस घटना के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने सिंह से इस संबंध में गहन जांच और कार्रवाई करने को कहा।


मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य शासन ने स्वास्थ्य सेवा निदेशक डाक्टर कमलप्रीत को हटा दिया तथा इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण स्वास्थ्य विभाग के चार अधिकारियों परिवार कल्याण कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डाक्टर के. सी. ओराम, बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर एस. सी. भांगे, तखतपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर प्रमोद तिवारी और एक सरकारी सर्जन डाक्टर आर. के. गुप्ता को निलंबित कर दिया।


रमन सिंह ने नेमीचंद जैन कैंसर एंड रिसर्च सेंटर में जिस सर्जन के अधीक्षण में यह शिविर आयोजित किया गया उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। इस शिविर में 83 महिलाओं की सर्जरी की गयी थी।


उन्होंने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यह घटना लापरवाही (चिकित्सकों द्वारा) से हुई। एक विस्तृत जांच की जा रही है जिसमें दवाओं की गुणवत्ता, सर्जरी का मानक, आपरेशन के बाद के उपाय सहित सभी कोणों को ध्यान में रखा जायेगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।