नक्सलगढ़ में काम आ रही नई रणनीति, BSF के DIG ने बताया कैसे नक्सलियों को सरप्राइज किया
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में BSF इन दिनों नक्सलियों को सरप्राइज करने में लगी है, कांकेर मुठभेड़ के बाद नक्सलगढ़ में हड़कंप मचा हुआ है.
Chhattisgarh Naxalites Encounter: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में DRG और BSF के जवानों को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है. जहां सुरक्षा जवानों ने मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को ढेर किया है, जिससे न केवल नक्सली सरप्राइज बल्कि उनके खेमे में इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है. बीएसएफ के डीआईजी आलोक सिंह ने इस मामले में अहम जानकारी दी है, उन्होंने बताया कि आखिर कैसे अब सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों पर भारी पड़ रहे हैं.
29 नक्सलियों का हुआ है एनकाउंटर
दरअसल, इन दिनों छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल अलर्ट पर नजर आ रहा है, 16 अप्रैल के दिन दोपहर में कांकेर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में करीब 29 नक्सलियों को मार गिराया गया. यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि इस घटना में मारा गया माओवादी कमांडर शंकर राव एक बड़ी मीटिंग लेने की तैयारी कर रहा था. लेकिन आखिरी वक्त पर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों का यह पूरा प्लान फेल कर दिया.
नई रणनीति का दिख रहा असर
बीएसएफ के डीआईजी आलोक सिंह ने बताया कि नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियो के खिलाफ नई रणनीति का असर दिख रहा है, जिससे सुरक्षा बलों को सफलता मिल रही है. उन्होंने बताया कि अब पहले नक्सलियों को चारों तरफ से घेरकर उन्हें आगे ही नहीं दिया जाता, जबकि सर्चिंग टीम पहले से ही अलर्ट पर रहती है. ऐसे में नक्सली आसानी से भाग नहीं पाते और उनके खिलाफ यह रणनीति काम आ रही है.
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नक्सलियों को सरप्राइज किया
आलोक सिंह ने बताया कि बीएसएफ का ये काफी बड़ा इटिलिजेंस बेस ऑपरेशन था, हम 2 दिन से इस ऑपरेशन पर हमारी और डीआरजी की टीम कोटरी के ईस्टर्न साइड के इलाके में ऑपरेशन पर लगे हुए थे. क्योंकि बस्तर संभाग के इस अबूझमाड़ इलाके को नक्सली अपना हब बनाते जा रहे थे, लेकिन हमारी कमांडो और डीआरजी की टीम काफी दिनों से यहां प्रैक्टिस कर रही थी. हमने हमारी ऑपरेशनल स्ट्रेटजी पर्टिकुलर ऑपरेशन के लिए बदली, हमने हॉट परसयूट और ड्राइव फॉर हंट का एक मिला जुला ऑपरेशन लिया. जबकि फोर्स डिफेक्शन और मोबिलीजेशन की डिफरेंट डायरेक्शन की तकनीक अपनाई और हमें नक्सलियो को सरप्राइज करना था हमने उन्हें सप्राइज किया और सफलता पाई.
बीएसएफ के डीआईजी ने बताया कि यहां की जो पहाड़ियां हैं, वो काफी खड़ी है और यहां ऑपरेशन करना बेहद चैलेंजिंग है, इसलिए आम तौर पर नक्सली इसे अपना सुरक्षित एरिया मानते थे. ऐसे में नक्सली सोच भी नहीं सकते थे कि हम इस पूर्वी इलाके से उन पर कभी हमला कर सकते हैं, लेकिन हमने हमला किया जिसमें नक्सलियो को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस घटना में 29 नक्सली मारे गए, जबकि मौके से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुआ है. कई नक्सली घायल हुए हैं, हम जल्द घायल नक्सलियों पर एक बड़ा ऑपरेशन प्लान करेंगे. आपको जल्द खबर मिलेंगी.' वहीं इस घटना के बाद पूरे बस्तर संभाग में सुरक्षा बल अलर्ट पर नजर आ रहा है.
अलर्ट पर है फोर्स
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले कुछ महीनों में फोर्स अलर्ट पर है. क्योंकि नक्सलियों के खिलाफ एक बाद एक बड़े ऑपरेशन किए गए हैं, जिनमें सुरक्षाबलों को सफलता भी मिली है. पिछले तीन महीनों में पुलिस फोर्स ने 79 नक्सलियों को मार गिराया है. बस्तर संभाग के सभी अलग-अलग जिलों में पुलिस की अलग-अलग प्लानिंग से काम कर रही है. माना जा रहा है कि पुलिस की इस कार्रवाई का असर दिखने भी लगा है, अब तक कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है तो कई अब तक अपना एरिया छोड़ भी चुके हैं.
दरअसल, इन दिनों बस्तर में नक्सलियों का TCOC महीना चल रहा है, जिसे संगठन टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन कहा जाता है. फरवरी से जून के महीने के बीच नक्सली पुलिस और सुरक्षाबलों के खिलाफ आक्रमक रणनीति अपनाते हैं और सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं. लेकिन नक्सलियों के इसी प्लान का सुरक्षा बलों ने काउंटर प्लान बनाया है, जिसका असर भी बस्तर संभाग में दिख रहा है. दरअसल, नक्सली जितनी आक्रमक रणनीति अपना रहे हैं उससे कही ज्यादा आक्रमक रणनीति सुरक्षा बल ने अपना रखी है, जिससे नक्सलगढ़ में ही नक्सलियों के पैर उखड़ने लगे हैं.
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