CG Assembly Election: छत्तीसगढ़ में चुनाव को लेकर आयोग का फैसला, होने जा रहा है बड़ा बदलाव
CG Assembly Election 2023: इस साल के अंत में होने जा रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. इस कारण 2023 के चुनावों में कई चीजें बदली हुई नजर आने वाली हैं.
Vidhan Sabha Chunav Chhattisgarh: रायपुर। इस साल के आखिरी में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर बीजेपी कांग्रेस के साथ ही तमाम राजनीतिक दल तैयारियों में लग गए हैं. लगातार कार्यशाला आयोजित कर निर्वाचन आयोग अपनी तैयारियां कर रहा है. इस बीच खबर आ रही है कि इस चुनाव के आयोग की ओर कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं. इससे चुनाव प्रक्रिया के दौरान कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे.
पोलिंग पार्टी में होंगे केंद्रीय कर्मचारी
चुनावों में अब तक केंद्रीय कर्मचारियों की पोलिंग पार्टी के रूप में ड्यूटी नहीं लगती थी, लेकिन इस बार आयोग ऐसा करने जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों की पोलिंग पार्टी इलेक्शन साफ्टवेयर (पीपीईएस) में एंट्री शुरू हो गई है. अन्य कामों के लिए केंद्रीय कर्मियों की ड्यूटी पहले भी लगाई जाती थी. लेकिन, ऐसा पहली बार हो रहा है कि उन्हें पोलिंग पार्टी के रूप में भेजा जाएगा.
ली जा रही हैं ये डिटेल
कर्मिचारियों से फोटो, एपिक नंबर और बैंक अकाउंट की जानकारी ली जा रही है. ऐसा इसलिए की चुनावी मानदेय की राशि कर्मचारी के खाते में सीधे ट्रांसफर की जा सके. साथ ही ये सुनिश्चित किया जा सके की उनकी ड्यूटी उनकी विधानसभा क्षेत्र में न लग पाए.
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बढ़ाए गए मतदान केंद्र
छत्तीसगढ़ में इस बार 76 पोलिंग बूथ (मतदान केंद्र) बढ़ाए गए हैं. यानी अब बूथों की संख्या 23907 हो गई है. हर बूथ में एक पोलिंग पार्टी चुनाव कराने जाएगी और हर पार्टी में 4 सदस्य होंगे. इसके अलावा ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का 10 प्रतिशत रिजर्व रखा जाएगा. मतदाताओं की बात करें तो जनवरी 2023 के अनुसार, राज्य में पुरुष मतदाताओं की संख्या 97.27 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 97.26 लाख है.
लगातार हो रही हैं कार्यशाला
आयोग लगातार निर्वाचन पदाधिकारी और कर्मिचारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन कर रहा है. इसमें ईवीएम/वीवीपीएटी के फर्स्ट लेवल चेकिंग के संबंध में जानकारी दी जा रही है. 29 मई को भी एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और एफएलसी प्रभारियों को शामिल किया गया. ऐसा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किया गया.
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