Atal Bihari Vajpayee Contribution in Chhattisgarh Formation: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है. जैसा नाम वैसा ही उनका काम. देश के 26वें राज्य छत्तीसगढ़ के निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही है. इस राज्य का सपना उन्होंने साल 1990 में देखा था. तब इसे तय करने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और सफर तय करते हुए साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य खड़ा ही कर दिया. यही कारण है कि कहा जाता है- 'यूं ही कोई अटल नहीं हो जाता'. अटल की इस प्रतिज्ञा की पूरी होनी कहानी बहुत ही दिलचस्प है. जानिए यहां- 


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छत्तीसगढ़ निर्माण में अटल बिहारी का योगदान
छत्तीसगढ़ के निर्माण में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अहम योगदान है. उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता भी कहा जाता है. अटल को छत्तीसगढ़िया संस्कृति से बेहद लगाव था. यहां की वन संपदा और संस्कृति को वो जीते थे. यही कारण था कि साल 1990 में उन्होंने छत्तीसगढ़ को राज्य बनाने का सपना देख लिया था. 


जब उठी राज्य की मांग
छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग बनाने की मांग साल 1965 में आचार्य नरेंद्र दुबे ने की थी. इसके लिए उन्होंने 1965 में 'छत्तीसगढ़ समाज' की स्थापना की.  इसके बाद साल 1967 में डॉ. खूबचंद बघेल ने इसे विसर्जित कर 'छत्तीसगढ़ी भ्रातृ संघ' बनाकर नई जान दी. बाद में चंदूलाल चंद्राकर ने सर्वदलीय मंच के जरिए इस मांग को बुलंद किया. उनके निधन के बाद विद्याचरण शुक्ल इस आंदोलन में कूदे और ऐसी मांग की उठाई की दिल्ली तक उनकी आवाज गूंजी. 


रायपुर में अटल ने किया था वादा
छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने की मांग के बीच साल 1998-99 के चुनाव के लिए अटल बिहारी वाजपेयी रायपुर पहुंचे. यहां सप्रेशाला मैदान में उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य गठन का वादा तो किया लेकिन इसके लिए एक शर्त भी रखी. उन्होंने कहा कि इसके बदले उन्हें 11 सासंद चाहिए. चुनाव रिजल्ट में BJP को यहां से सिर्फ 8 सांसद ही मिले, लेकिन केंद्र में अटल की सरकार बन गई. इसके बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. 


निभाया वादा
केंद्र में सरकार बनने के बाद अटल न तो अपनी प्रतिज्ञा भूले और न ही वादा. 25 जुलाई 2000 को मध्य प्रदेश राज्य पुनर्निर्माण विधेयक-2000 लोकसभा में पेश हुआ. इसके बाद 31 जुलाई 2000 को लोकसभा में और 9 अगस्त को राज्य सभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण पर मुहर लगी. 25 अगस्त को राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को मंदूरी दी. इसके बाद 4 सिंतबर 2000 को राजपत्र में प्रकाशन हुआ और इस तरह 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया. 


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3 बार के प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1952 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था. हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे. साल 1996 में वे पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन 13 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री बने, लेकिन 13 महीने बाद फिर सरकार गिर गई. इसके बाद 1999 में 13 दलों की गठबंधन की सरकार बनी. इसमें उन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. 


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