Balod News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पत्नी के चौथी बार गर्भवती होने पर पुलिस कांस्टेबल की नौकरी चली गई. आरक्षक को 3 बेटियां पहले से थीं. इसके बाद भी बेटे की चाहत में पत्नी चौथी बार गर्भवती हो गई. मामले में पुलिस विभाग ने आरक्षक को सस्पेंड कर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. अधिकारियों की माने तो कांस्‍टेबल के खिलाफ ये कार्रवाई राष्ट्रीय जनसंख्या नीति कानून का उल्लंघन करने पर की गई है.


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कैसे हुई जानकारी
कांस्‍टेबल प्रहलाद सिंह बालोद जिले के समवाय कैंप नगरी में तैनात है. वो 23 जून को धनोरा स्थित 14वीं वाहनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल कार्यालय पहुंचा. यहां उसने सैलरी लेने के साथ ही 8 दिनों की छुट्टी मांगी. इसके पीछे का कारण पूछा गया तो उसने कारण के रूप में पत्नी का प्रगनेंट होना बताया. अधिकारियों के पूछने पर उसने बताया की वो तीन बेटियों को पिता है. उसे बस एक बेटे की चाहत है. इसपर बटालियन अधिकारी डीआर आंचला इसे कानून का उल्लंघन मानते हुए उसे सस्पेंड कर दिया.


क्या है नियम?
आरक्षक भर्ती आवेदन पत्र वर्ष 2010 के अनुसार दो से अधिक जीवित संतान नहीं होने चाहिए. हैंडबुक 2023 में अंकित छत्तीसगढ़ सिविल सेवा(सेवा की सामान्य शर्ते) नियम 1961 के तहत दो से अधिक संतान होने पर सिविल सेवा में अपात्र माना गया है. इस नियम में यह है कि एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके बाद हुआ हो. इसी आधार पर आरक्षक को दोषी माना गया और सस्पेंड कर दिया गया. इस अवधी में उसे  नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा.


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2010-11 में हुई थी ज्वाइनिंग
बता दें धमतरी जिले के नगरी स्थित कैम्प की इकाई में पदस्थ प्रहलाद सिंह की भर्ती सशक्त बल में बतौर आरक्षक 2010-11 में हुई थी. उस समय आरक्षक भर्ती निर्देशिका में साफ तौर पर लिखा था कि दो से अधिक जीवित संतान नहीं होने चाहिए. इसके बाद भी आरक्षक ने नियमों का उल्लंघन किया और ना केवल चौथे बच्चे की तैयारी की बल्की बेटे की चाह में लगातार बच्चे पैदा करता रहा.


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