बच्चों के लिए 2 नदियों को पार स्कूल पहुंचती हैं महिला टीचर, कमर तक होता है पानी
बलरामपुर जिले के झींगों गांव की रहने वाली महिला टीचर कर्मिला टोप्पो 2 नदियों को पार कर स्कूल पहुंचती हैं. उनके इस जज्बे को देखकर अब जिला कलेक्टर ने उनकी तारीफ की है.
शैलेंद्र सिंह बघेल/बलरामपुर: बलरामपुर जिले में आपको एक ऐसी महिला शिक्षक के जज्बे की खबर दिखा रहे है जो अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए नदी को पार करके स्कूली बच्चों का भविष्य गढ़ रही हैं और जिसकी तारीफ अब जिले कलेक्टर भी कर रहे है.
इन तस्वीरों में जो महिला कमर भर पानी मे नदी को पार कर रही हैं उनका नाम कर्मिला टोप्पो हैं और यह महिला एक शिक्षिका है, जो बलरामपुर जिले के झींगों गांव की रहने वाली है. इनकी पोस्टिंग वाड्रफनगर विकासखंड में गुरमुटी गांव के धौरपुर प्राथमिक स्कूल में है. जो कि नदियों और जंगलों के बीच में बसा हुआ एक आदिवासी मोहल्ला है. यहां पर प्राथमिक शाला का संचालन किया जाता है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए इरिया और मोरन दो बडी नदियों के संगम को पार करके जाना पड़ता है.
नदी पार कर जाती हैं शिक्षिका
बता दें कि कर्मिला वाड्रफनगर में अपने दोनों बच्चों के साथ रहती हैं और उनके पति खुद एक शिक्षक है. जिनकी पोस्टिंग जिले के दूसरे विकासखंड में है. कर्मिला वाड्रफनगर से स्कूटी से आती है और फिर नदी से लगे हुए मढ़ना गांव में स्कूटी को खड़ा करके करीब तीन किलोमीटर तक पैदल अपने स्कूल धौरपुर पहुंचती है. लेकिन इस बीच में पड़ने वाली नदी भी कर्मिला के रास्ते को नहीं रोक पाती है और कमर तक पानी मे नदी को पार करके कर्मिला अपने स्कूल जाती है. जहां पर करीब 10 बच्चे प्राथमिक स्कूल में पढ़ने के लिए आते हैं और जोखिम भरे रास्ते को तय करके कर्मिला यहां तक पहुंचती है.
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जिला कलेक्टर ने की तारीफ
कर्मिला ने बताया कि नदी को पार करने में डर तो लगता है लेकिन बच्चों के भविष्य की बात है इसलिए कमर के ऊपर तक भी नदी के पानी को पार करके स्कूल आती है और बच्चों के बीच में पहुंच कर शिक्षा का अलख जगा रही है. वहीं कर्मिला टोप्पो के हौसले के तारीफ जिले के कलेक्टर रिमिजुएस एक्का ने भी की है और इसके साथ ही उन्होंने अन्य शिक्षकों के साथ साथ शासकीय कर्मचारियों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहने की बात कही है.