CG News: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों के किए तबादले के खिलाफ में बड़ा एक्शन लिया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दिए गए तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख और जनपद पंचायत के सीईओ (ट्रायबल विभाग) के 215 ट्रांसफर आदेश को निरस्त कर दिया है.


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राज्य सरकार ने 23 फरवरी को केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से जारी पत्र को आधार बनाकर ट्रांसफर किए थे, लेकिन 27 फरवरी को केंद्रीय चुनाव आयोग ने एक अन्य पत्र जारी कर 23 फरवरी के पत्र में दिए गए आदेश को स्पष्ट किया, जिसके बाद इस ट्रांसफर आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में 60 से अधिक याचिकाएं लगाई गई थीं. बता दें कि राज्य सरकार ने 23 फरवरी को प्रशासनिक अफसरों का तबादले के आदेश जारी किया था. इसके अनुसार 49 तहसीलदार, 79 नायब तहसीलदार, 5 भू-अभिलेख अधीक्षक, 59 सहायक अधीक्षक भू- अभिलेख, 23 जनपद पंचायत सीईओ का ट्रांसफर किया गया था.


अधिकारियों ने दी थी कोर्ट में चुनौती
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार ने प्रदेश भर के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू- अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू- अभिलेख, जनपद पंचायत के सीईओ सहित प्रशासनिक अफसरों का तबादला आदेश जारी किया था. राज्य शासन के इस ट्रांसफर आदेश को चुनौती देते हुए प्रशासनिक अफसरों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं. याचिकाकर्ता प्रशासनिक अफसरों ने तर्क दिया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीते 27 फरवरी को लोकसभा चुनाव में कार्यकाल और ट्रांसफर को लेकर नया स्पष्टीकरण दिया है. इसके मुताबिक लोकसभा चुनाव में तीन साल के कार्यकाल का नियम केवल रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर पर लागू होता है, लेकिन राज्य सरकार ने आयोग के निर्देशों को आधार पर बनाकर ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया था.


आयोग ने दिया था स्पष्टीकरण
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रतीक शर्मा सहित अन्य वकीलों ने तर्क दिया और आयोग के स्पष्टीकरण के आधार पर तबादला आदेश निरस्त करने की मांग की. राज्य शासन की तरफ से भी बताया गया कि चुनाव आयोग ने ट्रांसफर को लेकर नया दिशा निर्देश जारी किया. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने तबादला आदेश निरस्त कर दिया.


रिपोर्ट: देवेश मिश्रा, बिलासपुर