चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर: छत्तीसगढ़ में इसी साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने हैं. जिसको लेकर भाजपा (BJP)और कांग्रेस (Congress) दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) लगातार अपनी योजनाओं से जनता को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं पर दूसरी तरफ भाजपा सरकार पर तंज कसने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. विधानसभा में पेश हुए प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को लेकर भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस को घेरा है.


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भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर कहा कि जीडीपी बढ़ने को लेकर इतराने वाली कांग्रेस को ये समझना चाहिए कि जब प्रदेश की गिनती बीमारू राज्य में होती थी तब भाजपा की सरकार में प्रतिव्यक्ति आय 18 प्रतिशत तक बढ़ती रही है.


बजट कम रहने के बाद भी बढ़ी प्रतिव्यक्ति आय
भाजपा के मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने तंज कसते हुए कहा कि जब प्रदेश का बजट केवल 6 हजार से 9 हजार करोड़ रुपए था. सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं थे. राज्य की खुद की कोई आय नहीं थी. केंद्र से भी कोई खास मदद नहीं मिलती थी. ऐसे चुनौती के समय में भी भाजपा की सरकार में 15 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय लगभग 18 प्रतिशत तक बढ़ती रही. 2003 में प्रति व्यक्ति आय 12 हजार रु थी. जबकि भाजपा के शासन जाते-जाते वह 92 हजार रुपए हो चुकी थी. 


आय बढ़ना कुशासन का परिणाम
आगे तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आज तो प्रदेश का बजट एक लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है. राज्य की खुद की आय लगभग 50 हजार करोड़ है. केंद्र से भी 50 हजार करोड़ मिलते हैं. ऐसे में प्रति व्यक्ति आय महज 10 प्रतिशत बढ़ना कांग्रेस के कुशासन का परिणाम है. गलत नीतियों का परिणाम है. छत्तीसगढ़ पॉलिसी पैरालिसिस से गुजर रहा है. जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है. जैसे-जैसे चुनाव पास आते जा रहे हैं दोनों पार्टियां तंज कसने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है.


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