Biranpur Violence: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बिरनपुर में एक साल हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच CBI ने शुरू कर दी है. छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के आधार पर भारत सरकार ने CBI जांच की अधिसूचना की जारी की थी. इसके आधार पर CBI की टीम ने इस मामले में 12 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज जांच शुरू कर दी है. 


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बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा में CBI जांच शुरू 
बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा मामले में CBI ने जांच शुरू कर दी है. मामले में 12 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. मामले की जांच के लिए CBI अधिकारियों की टीम दोपहर करीब 2.30 बजे छत्तीसगढ़ पहुंची. रायपुर एयरपोर्ट से टीम सीधे बिरनपुर के लिए रवाना हो गई. 


कैबिनेट मीटिंग में लिया था फैसला
साजा से विधायक ईश्वर साहू ने विधानसभा में बिरनपुर में हुई हिंसा की CBI जांच की मांग की थी. इसके बाद कुछ दिनों पहले हुई कैबिनेट बैठक में इस मामले में CBI जांच का निर्णय लिया गया. छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के आधार पर भारत सरकार ने CBI जांच की अधिसूचना जारी की थी. अब पूरे मामले को CBI टेकओवर कर जांच कर रही है. 


'जांच में देरी'
बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा मामले में शुरू हुई CBI जांच को लेकर साजा विधायक ईश्वर साहू ने कहा कि जांच में देरी हुई है. 3-4 माह पहले जांच की बात हुई थी. उन्होंने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरे पुत्र के हत्यारे सलाखों के पीछे होंगे.पूर्व में भूपेश की सरकार ने दिखावा की कार्रवाई करते हुए केवल 12 लोगों पर FIR की लेकिन सैकड़ों की संख्या में लोग हथियार लेकर खड़े थे. हमें सभी पर कार्रवाई का भरोसा दिया गया था लेकिन अबतक कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अब गृह मंत्री विजय शर्मा द्वारा CBI जांच कराई जा रही है. मुझे उम्मीद है कि अब अपराधियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी.


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क्या है बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा 
करीब एक साल पहले 8 अप्रैल 2023 बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में दो बच्चों के बीच विवाद हुआ था. ये विवाद इतना बढ़ा कि दो पक्षों के बीच झड़प हो गई. मामला इतना बढ़ा कि गांव के युवक भुवनेश्वर साहू की हत्या हो गई. 


मामला सामने आने के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान किया. इसके बाद मामला बिगड़ा. यहां तक कि बिरनपुर गांव में आगजनी की घटना भी हुई. वहीं, हिंसा के कुछ दिनों बाद गांव के दो और रहवासियों का शव मिला. इसके बाद बिरनपुर हत्याकांड में CBI जांच की मांग उठने लगी.


कांग्रेस सरकार ने कर दिया था इंकार 
इस मामले में CBI जांच के लिए तत्कालीन कांग्रेस की भूपेश सरकार ने इंकार दिया था. CBI जांच की मांग को खारिज करते हुए सरकार ने पुलिस जांच का आश्वासन दिया था.बता दें कि भुवनेश्वर साहू की हत्या के मामले में पहले से ही 12 आरोपी जेल में हैं.  


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