शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ (CG News) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Elections) की तैयारियों में सभी पार्टियां लगी हुई हैं. इसी बीच सर्व आदिवासी समाज (Sarv Adivasi Samaj) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ की 90 में से 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. सर्व आदिवासी समाज का अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 29 सीटों के अलावा सामान्य सीटों पर भी फोकस रहेगा. आदिवासी समाज के नेता पूरी ताकत से 2023 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है.


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दरअसल, बिलासपुर पहुंचे सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने गोंडवाना भवन में संगठन व अन्य सामाजिक नेताओं के साथ बैठक कर आगामी चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की. बैठक के बाद बिलासपुर में मीडिया से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम ने ऐलान किया कि आदिवासी समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. समाज के लोगों के हित में काम नहीं कर रही पार्टियां. 


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बीजेपी-कांग्रेस ने कोई काम नहीं किया
उन्होंने कहा कि संभाग स्तरीय बैठक में प्रत्याशी चयन को लेकर  रायशुमारी की जा रही है. छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनितिक दलों पर विश्वास करके देखा जा चुका है, लेकिन समाज हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इसलिए सर्व आदिवासी समाज ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है.


बदल सकते हैं चुनावी समीकरण
गौरतलब है कि अगर विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज उतरता है तो राज्य के समीकरण बदल सकते हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजातियों की काफी आबादी है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का 30.62% है. खास बात यह है कि एसटी समुदायों के लिए राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए सुनिश्चित राज्य की   29 विधानसभा सीटें पर विशेष रूप से समीकरण बदल सकते हैं. जिससे भाजपा और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.