हितेश शर्मा/दुर्ग: दुर्ग जिले में चंदूलाल चंद्राकार हॉस्पिटल से हैरान करने वाला मामला सामने आय़ा है. जहां अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती एक मरीज की सांस लेने वाली नली में लाच चींटियां चल रही थी. मरीज से मिलने पहुंचे परिजनों ने जब ये देखा तो उनके भी भी होश उड़ गए. फिलहाल मरीज का इलाज चल रहा है और जिंदगी औऱ मौत की बीच वो जूझ रहा है.


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बता दें कि डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन जब डॉक्टर ही मरीज को व्यापार का जरिया समझ ले तब इसे क्या कहें कुछ ऐसा ही हादसा दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल हॉस्पिटल नेहरू नगर सुपेला में देखने को मिला. जहां आईसीयू में भर्ती मरीज रामा साहू के इलाज में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों की घोर लापरवाही सामने आई. हॉस्पिटल का आईसीयू वार्ड जो सबसे हाइजीन वार्ड कहलाता है, आईसीयू में भर्ती मरीज रामा साहू को श्वसन नली लगाई गई थी. वहां पूरी तरह चींटी आ गई. वह भी लाल चींटी जिंदगी औऱ मौत से जूझ रहा है. उसे लाल चींटी खा रही थी. 


मरीज को नोंच रही थी चींटी
परिजनों ने आईसीयू पहुंच मरीज का हाल देखा तो भौचक्का रह गए. मरीज को एक दो नहीं सैकड़ों चींटियों ने घेर लिया था और मरीज को नोचें जा रही थी. जब इस मरीज की हालत की जानकारी चंदूलाल चन्द्राकर अस्पताल प्रबंधन को दी गई तो आनन फानन में मरीज के श्वसन नली को निकाला गया और नया श्वसन नली लगा दिया गया.


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जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा मरीज
फिलहाल मरीज का इलाज उसी अस्पताल में चल रहा है और मरीज जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है. लेकिन अस्पतालों में इस तरह की लापरवाही जब सामने आती है तो यकीन मानिए डॉक्टर और अस्पताल दोनों से ही मरीज के परिजनों का भरोसा उठ जाता है. बहरहाल इस पूरे मामले पर परिजन कुछ भी बोलने से बच रहे हैं तो वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही की बात कह रहा है अब देखना यह होगा कि आखिर अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाती है.