Assembly Elections 2023: छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव है, इसे लेकर के सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) पार्टी अपनी योजनाओं के जरिए जनता को लुभाने में लगी है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा (BJP) अपने वादों के जरिए सत्ता में वापसी करने के फिराक में लगी हुई है. इसी बीच सियासी गलियारों से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम (Arvind Netam News)ने पार्टी छोड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया है. नेताम आदिवासियों का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं. 


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अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा
अरविंद नेताम ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को सौंपा है. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं. 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोग पूर्ण रवैये के कारण मुझे निराशा हुई.


सर्वआदिवासी समाज से लड़ सकते हैं चुनाव
अरविंद नेताम के पार्टी छोड़ने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में उनके सर्वआदिवासी समाज से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि ये आने वाले विधानसभा चुनाव में सर्वआदिवासी समाज से चुनाव मैदान में उतरेंगे. बता दें कि नेताम के ऊपर पहले आरोप लगा था कि वे भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी के समर्थन में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार में सहयोगी रहे थे. इसके लिए उन्हें नोटिस भी जारी की गई थी. 


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किसे हो सकता है नुकसान 
अरविंद नेताम के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद कहा जा रहा है कि वो सर्व आदिवासी समाज से चुनाव लड़ सकते हैं. अरविंद नेताम आदिवासियों का बड़ा चेहरा हैं. कहीं न कहीं उनके पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. हालांकि वो अगर सर्व आदिवासी समाज से चुनाव लड़ते हैं तो आदिवासियों का वोट उन्हें मिलेगा जिसका सीधा असर कांग्रेस और भाजपा के वोट बैंक पर पड़ेगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ में 34 प्रतिशत वोटर आदिवासी है. 


भाजपा ने साधा निशाना 
अरविंद नेताम के इस्तीफा देने के बाद भाजपा ने कांग्रेस के ऊपर आरोप लगाया है. भाजपा के पूर्व मंत्री और भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी समाज के साथ धोखा किया है.  दिग्गज आदिवासी नेता अरविंद नेताम का कांग्रेस पार्टी छोड़ना इसका प्रमाण है. साथ ही साथ कहा कि कांग्रेस की नीतियां आदिवासी विरोधी है. कांग्रेस राज में आदिवासियों से शिक्षा,स्वास्थ्य ,रोजगार नौकरी का अधिकार छीना गया. चुनाव के पहले अरविंद नेताम का जाना यही संदेश देता है. इतने बड़े आदिवासी नेता का जाना कांग्रेस के आदिवासी विरोधी चेहरे को बताता है.