Balodabazar Violence: सियासत में उलझा बलौदा बाजार, क्या राजनीतिक कमेटियां निकाल पाएंगी समाधान
Balodabazar violence: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई हिंसक घटना से राजनीतिक बवाल मच गया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही हिंसा की जांच के लिए जांच समितियां गठित की हैं.
Chhattisgarh Balodabazar Violence: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई हिंसा की चर्चा पूरे देश में हो रही है और इसके चलते राज्य में राजनीतिक घमासान तेज़ है. विपक्ष सरकार को पूरी तरह से घेरने की कोशिश कर रहा है. बलौदाबाजार की घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी साय सरकार पर अक्रामक है. 10 जून को हुई हिंसा की जांच के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने जांच समितियां गठित की हैं. मंत्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता वाली BJP समिति में कई पूर्व विधायक शामिल हैं. वहीं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत कांग्रेस नेताओं ने भी एक समिति गठित की है और बलौदाबाजार पहुंचे.
जैसा की हमने आपको बताया कि बलौदाबाजार की घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने जांच कमेटी बनाई है. आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विधायक बलौदाबाजार पहुंचे. पूर्व सीएम भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत तमाम विधायक मौजूद हैं. वे कांग्रेस कमेटी को रिपोर्ट सौंपेंगे.
बीजेपी ने भी जांच कमेटी बनाई
बलौदा बाजार में हुई घटना को लेकर बीजेपी ने भी जांच कमेटी बनाई. बीजेपी द्वारा जांच कमेटी बनाने को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि पहले भी कई घटनाओं में जांच कमेटियां बनाई गई हैं. बलौदा बाजार में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी. प्रदेश में पहली बार ऐसी घटना हुई. जिसमें कलेक्टर परिसर में आग लगा दी गई. बीजेपी ने जांच कमेटी बना दी है जो जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
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राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने बलौदाबाजार में 10 जून को हुई हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है. इस कमेटी के संयोजक मंत्री दयाल दास बघेल को बनाया गया है. वहीं, कमेटी के सदस्यों में मंत्री टंकराम वर्मा, भाटापारा के पूर्व MLA शिवरतन शर्मा, भाजपा प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष और आरंग के पूर्व MLA नवीन मार्कंडेय और धमतरी की पूर्व MLA रंजना साहू शामिल हैं. बता दें कि इस कमेटी को 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंपने का काम सौंपा गया है. बलौदाबाजार में हुई हिंसा को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने जांच समितियां गठित की हैं. जिसके बाद सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक समितियां बलौदाबाजार में हुई घटना का हल निकाल पाएंगी?