क्या है बस्तर का `बास्ता`, पाबंदी के बाद भी साफ्ताहिक बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहा
Bastar in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बस्तर में `बास्ता` की बिक्री पर वन विभाग ने पाबंदी लगाई है, लेकिन उसके बाद भी बस्तर के साप्ताहिक बाजारों में बास्ता खुलकर बिक रहा है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में बेन के बाद भी 'बास्ता' का क्रेज खत्म नहीं हो रहा है. एक तरफ वहां के लोग बास्ता के बिना रह नहीं सकते तो दूसरी तरफ वन विभाग का उड़नदस्ता बास्ता की बिक्री पर रोक लगा रहा है. बास्ता का चाव इतना है कि पाबंदी के बाद भी लोग इसे बस्तर के साप्ताहिक बाजारों में बेच रहे हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि यह बास्ता है क्या, दरअसल, बास्ता एक सब्जी है, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं. लेकिन वन विभाग ने इसकी बिक्री पर पाबंदी लगाई हुई है.
क्या है 'बास्ता' सब्जी
जिस बास्ता को वहां के लोग पसंद करते है वो बस्तर के घने जंगलों में बहुत अधिक मात्रा में मिलता है. दरअसल, मानसून में बांस के जड़ से कोमल बांस के कोप निकलते हैं, जिसे बांस की करील कहा जाता है. बस्तर के स्थानीय लोग करील को बास्ता कहते हैं. इस करील को मार्केट में स्थानीय लोग बेच रहे हैं. ये करील जड़ से तोड़ लेने पर निकलता है, जिससे बांस वहीं नष्ट हो जाता है. इसे नष्ट होने से रोकने के लिए वन विभाग ने इसकी बिक्री पर पाबंदी लगा रखी है. लेकिन इसके बावजूद ये बाजारों में बेचा जा रहा है. जिस पर सरकार ने एक्शन लिया है.
4 क्विंटल से ज्यादा बास्ता जब्त
वन विभाग की उड़नदस्ता टीम ने जगदलपुर शहर के संजय मार्केट में जांच पड़ताल की. जहां से बास्ता को करीब डेढ़ क्विंटल जब्त किया गया है, वहीं मानसून में अब तक करीब 4 क्विंटल से अधिक बास्ता जब्त कर लिया गया है. बास्ता बेचने वालों पर जरूरी कार्रवाई की गई है. वन विभाग के अधिकारियों ने इस पर ओर सख्ती दिखाई है. जिसमें अब वन विभाग की टीम घूम घूम कर कार्रवाई करने और अभियान चलाने की बात कर रही है. बास्ता को निकालने से बांस को नष्ट होते हुए देख रहे वन विभाग ने पाबंदी लगा दी. इसका उल्लघंन करने वालो पर अब सख्त कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल, बास्ता पर इसलिए रोक लगी है क्योंकि यह बांस के पेड़ को ही नष्ट कर देती है. ऐसे में वन विभाग ने इस पर रोक तो लगाई है. लेकिन ग्रामीणों को यह सब्जी पसंद आती है. फिलहाल बारिश के मौसम में इसकी बिक्री हो रही है.
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