CG NEWS: छत्तीसगढ़ में बुधवार को हाईकोर्ट की तरफ से भाजपा की साय सरकार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक को पद से हटाने के आदेश पर रोक लगा दी ही. साथ ही उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए.  मामले की सुनवाई जस्टिस एनके चंद्रवंशी की सिंगल बेंच में हुई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सत्ता परिवर्तन होते ही 15 दिसंबर को शासन ने सभी राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने का आदेश जारी किया था. इसमें सभी आयोग और मंडल के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्तियां शामिल थीं. आदेश के खिलाफ अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किरणमयी नायक को तीन साल के लिए नियुक्ति दी थी. फिर उनका कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो गया, तब उन्हें दोबारा तीन साल के लिए नियुक्ति दी गई है. 


याचिका में दी गई थी ये दलील
किरणमयी की याचिका में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति को निरस्त करने का अधिकार सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में स्थगन आदेश दिया है. साथ ही राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने उन्हें पहले की तरह सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के निर्देश भी दिए हैं. केस में राज्य शासन की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रधान और वकील राहुल झा उपस्थित हुए.


सरकार बनते ही जारी किया आदेश
छत्तीसगढ़ में कुछ दिन पहले शपथ के बाद ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले सरकार की तमाम पुरानी राजनीतिक नियुक्तियां रद्द करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद निगम-मंडल में नियुक्त हुए लोगों को अपना पद छोड़ना पड़ा. हालांकि निगम-मंडलों के कुछ लोगों ने सत्ता बदलने के साथ ही इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कई निगम-मंडलों में अभी भी मनोनीत सदस्य बने रहे. सरकार के इस आदेश के बाद सभी को अपना इस्तीफा देना होगा. वैसे पद जिन्हें विधि प्रक्रियाओं के बाद ही हटाया जा सकता है, वो अपने पद पर बने रहेंगे.