छत्तीसगढ़ में भगवान शिव के बाद अब हनुमान जी को मिला नोटिस, दी ये चेतावनी
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से अनोखा मामला सामने आया है. जहां नगर निगम ने भगवान हनुमान जी को नल के बकाया बिल के लिए नोटिस थमा दिया है. इस नोटिस में भगवान को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. वरना भगवान से ही जबरन वसूली की जाएगी.
रायगढ़: अभी तक आपने सुना होगा कि नगर निगम आम जनता को ही नोटिस देती है, और उन पर ही कार्रवाई होती है. लेकिन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल यहां नगर निगम ने वार्ड क्रमांक 18 में भगवान बजरंगबली को नोटिस थमा दिया है. ये नोटिस दो महीने से पानी बिल जमा नहीं करने पर दिया है. निगम ने चेतावनी भी दी है कि अगर ये बिल वसूली नहीं हुई तो जबरन वसूली भी की जाएगी. आश्चर्य की बात यह है कि नोटिस बजरंगबली के नाम पर दी गयी है, लेकिन मंदिर के आसपस एक नल कनेक्शन भी नहीं है.
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हनुमान जी पर लगा ये आरोप
इस नोटिस में सीधे-सीधे हनुमान जी को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि आपके द्वारा दो महीने फरवरी और मार्च का 400 रुपए पानी का बिल बकाया है. नगम ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के अंदर अगर ये बिल जमा नहीं हुआ तो आपसे जबरन वसूली की जाएगी.
वार्ड 18 का मामला
बता दें कि ये पूरा मामला नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के वार्ड क्रमांक 18 का है. हालांकि ये नोटिस मंदिर प्रशासन के किसी व्यक्ति के नाम से जारी होना था लेकिन निगम अफसरों ने सीधे भगवान का ही नोटिस काट दिया. अब इसे लेकर शहर में काफी चर्चा बनी हुई है. सूत्रों की मानें तो कहा ये भी जा रहा है कि बीजेपी इसे लेकर काफी आक्रमक रैवया अपना सकती है. जिसके तहत निगम का ऑफिस घेराव भी किया जा सकता है.
इससे पहले भगवान शिव को भेजा था नोटिस
आपको बता दें कि रायगढ़ में यह पहला मामला नहीं है, जब किसी भगवान को इस तरह का नोटिस दिया गया हो. इससे पहले भगवान शिव को भी नोटिस भेजा जा चुका हैं. दरअसल रायगढ़ के तहसील न्यायालय ने वार्ड क्रमांक 25 में भगवान शिव को नोटस दिया था. मामला ये था कि रायगढ़ की सुधा राजवाड़े नामक महिला ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. उसने आरोप लगाया है कि उसे अपनी जमीन तक पहुंचने वाले रास्ते पर लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है. जिसमें शिव मंदिर भी था. मंदिर के नाम से नोटिस आने पर स्थानीय लोगों ने कहा था कि मंदिर की जमीन किसी एक व्यक्ति की नहीं है, बल्कि सार्वजनिक मंदिर है, गांव के सारे लोग मंदिर में पूजा पाठ करते हैं. ऐसे में उसकी जमीन पर किसी एक का हक नहीं है.