रायपुरः रायपुर जिला अदालत ने कल कालीचरण महाराज की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जबकि आज महाराष्ट्र पुलिस को संत कालीचरण की ट्रांजिट रिमांड मिल गई है, जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच केंद्रीय जेल परिसर से लेकर उन्हें पुणे के लिए रवाना हो गई है. जहां 6 जनवरी को पुलिस पुणे कोर्ट में कालीचरण महाराज को पेश करेगी. उसके बाद महाराष्ट्र पुलिस को 13 जनवरी से पहले रायपुर कोर्ट में संत कालीचरण को हाजिर करना पड़ेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महाराष्ट्र पुलिस को मिली है 2 दिनों की ट्रांजिट रिमांड
महाराष्ट्र पुलिस कालीचरण को लेकर रवाना हो गई है, महाराष्ट्र पुलिस के करीब 24 पुलिसकर्मी कालीचरण को कड़ी सुरक्षा में लेकर गए हैं. कालीचरण को रायपुर से पुणे ले जाने के बीच अलग-अलग जिलों की सीमाओं पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. महाराष्ट्र पुलिस को 2 दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर सौंपा गया है. 


रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थे कालीचरण महाराज 
बता दें कि कालीचरण महाराज को रायपुर की केंद्रीय जेल में बंद किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को कालीचरण महाराज के खिलाफ रायपुर कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड लगाई थी. जिसे मुख्य न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार वासनीकर ने स्वीकार कर लिया और ट्रांजिट रिमांड के आदेश जारी कर दिए. महाराष्ट्र पुलिस 6 जनवरी को कालीचरण को पुणे कोर्ट मे पेश करेगी. पेशी के बाद महाराष्ट्र पुलिस  वापस कालीचरण महाराज को वापस रायपुर लेकर आएगी. 


दरअसल, कालीचरण महाराज के खिलाफ पुणे कई मामले दर्ज है. जिनमें भड़काऊ भाषण देने का आरोप भी है. इस मामले में 21 दिसंबर को कालीचरण समेत छह लोगों पर खड़क थाने में धर्म विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने का केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में महाराष्ट्र पुलिस संत कालीचरण को रायपुर से महाराष्ट्र ले जाने के लिए आई है. 


कालीचरण की कल खारिज हुई थी जमानत याचिका 
कल रायपुर जिला अदालत से कालीचरण महाराज की जमानत याचिका खारिज हो गई थी. कालीचरण महाराज की जमानत को लेकर कोर्ट में करीब एक घंटे तक दोनों पक्षों के बीच बहस चली, लेकिन अतिरिक्त न्यायधीश विक्रम प्रताप चंद्रा ने याचिका खारिज कर दी. सरकारी वकीलों ने धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे जाने दलील कोर्ट में पेश की थी. सरकारी वकील मनोज वर्मा ने बताया कि पुलिस डायरी के तहत जो दस्तावेज आए थे उसका अवलोकन करते हुए जमानत का आवेदन खारिज किया है. वहीं मामले में कालीचरण महाराज के वकील शरद मिश्रा ने बताया कि कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है, इसके बाद अब हाइकोर्ट में जमानत याचिका लगाई जाएगी.


14 दिन की न्यायिक रिमांड पर कालीचरण
बता दें कि कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के खजुराहो से छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें रायपुर लाया गया था. जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से कोर्ट ने कालीचरण महाराज को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया था. इस बीच उनकी जमानत को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. लेकिन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि कालीचरण महाराज पर जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, उनके हिसाब से फिलहाल उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. 


क्या होती है ट्रांजिट रिमांड 
ट्रांजिट रिमांड का मतलब स्थानीय अदालत से प्रत्यर्पण की अनुमति लेकर ही दूसरे राज्य की पुलिस आरोपी को उसे अपने क्षेत्र में ले जाती है. प्रत्यर्पण की इस अनुमति को ही ट्रांजिट रिमांड कहा जाता है जिसके तहत आरोपी को एक राज्य से दूसरे राज्य की पुलिस को सौंपा जा सकता है. जब पुलिस अपने प्रभाव क्षेत्र से बाहर जाकर किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है. तो उसको न्यायालय से इसकी अनुमति लेकर गिरफ्तार किया जाता है. ट्रांजिट रिमांड सीआरपीसी की धारा 76 के तहत जारी किया जाता है. बिना ट्रांजिट रिमांड के कैदी को दूसरे जगह की पुलिस अपने साथ नहीं ले जा सकती है. ट्रांजिट रिमांड लेते समय मजिस्ट्रेट के सामने यह बताना होता है कि आरोपी का अपराध क्या है. कहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज है. इसके अलावा कोर्ट को यह भी बताना होता है कि जिस जगह पर पुलिस उसे ले जा रही है. उसे कोर्ट में कब पेश किया जाएगा. कालीचरण महाराज को भी इसी के तहत महाराष्ट्र भेजा गया है. 


ये भी पढ़ेंः राजद्रोह के मामले ने बढ़ाई कालीचरण की मुश्किलें! जानिए क्या है Sedition Law?


WATCH LIVE TV