छत्तीसगढ़ में खत्म होंगी राजनीतिक मामलों में दर्ज FIR, सरकार तैयार, मंत्रियों की अधिकारियों से बात
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है, प्रदेश में राजनीतिक मामलों में दर्ज केस खत्म किए जाएंगे. इसके लिए डिप्टी सीएम विजय शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है.
Chhattisgarh Govt: छत्तीसगढ़ में साय सरकार राजनीतिक मामलों में दर्ज केसों को खत्म करेगी. इसको लेकर सरकार में सहमति बन गई है, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को एक कमेटी की बैठक हुई थी, इसमें इन मामलों को खत्म करने पर चर्चा हुई थी. राजनीतिक मामलों के केस खत्म कराने को लेकर मंत्रियों ने अफसरों से बात भी की है. बता दें कि कांग्रेस सरकार के समय भी राजनीतिक मामलों में दर्ज केस खत्म किए गए थे.
137 में 46 मामलों पर चर्चा
इस मामले को लेकर राज्य सरकार की तरफ से कमेटी बनाई गई है. जिसमें मंत्री राम विचार नेताम, लक्ष्मी राजवाड़े भी शामिल हैं, सभी ने अधिकारियों से बात की है, जिसमें राजनीतिक आंदोलनों से संबंधित 137 दर्ज मामलों में से 46 प्रकरणों की समीक्षा हुई है. माना जा रहा है कि जल्द ही इन 46 मामलों को खत्म कर दिया जाएगा.
डिप्टी सीएम पर भी दर्ज थे केस
खास बात यह है कि डिप्टी सीएम विजय शर्मा पर खुद कई केस दर्ज हुए हैं. यह सभी मामले राजनीतिक प्रदर्शनों के दौरान के हैं, जिसमें ट्रैफिक रोकने, पुलिस से झड़प, सड़क पर प्रदर्शन जैसी मामलों को शामिल किया गया है. यह मंत्रिपरिषद उपसमिति पहले इन अनुशंसाओं को कैबिनेट की बैठक में रखेगी उसके बाद सरकार इस बार फैसला लेगी. माना जा रहा है कि जिन मामलों को खत्म किया जाना है, उनमें अधिकतर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर दर्ज हैं. डिप्टी सीएम विजय शर्मा पर भी कवर्धा हिंसा कांड के दौरान एफआईआर दर्ज हुई थी. उन पर एके47 लेकर चलने का आरोप लगा था, इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.
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फिलहाल सरकार की तरफ से 46 मामलों की समीक्षा हो गई है, जबकि माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में और भी मामलों की समीक्षा होगी. सरकार इनमें से भी कई लंबित केसों को खत्म कर सकती है.
कांग्रेस शासन में भी खत्म हुए थे मामले
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस की बघेल सरकार में भी राजनीतिक प्रकरणों की वापसी की प्रक्रिया हुई थी. तब गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में बनी समिति ने 37 में से 21 मामलों को खत्म करने पर सहमति बनाई थी. जिसे भूपेश कैबिनेट ने खत्म कर दिया था. अब यही प्रक्रिया बीजेपी के शासनकाल में भी दिख रही है.
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