Chhattisgarh News: बस्तर में बदलाव की आहट, कुडूक जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग
Chhattisgarh Political News: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) से पहले हलचल तेज हो गई हैं. इस बीच कुडूक जाति (kuduk caste) के लोगों ने खुद को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग उठाई है और इसे लेकर के सांसद से मुलाकात की है.
Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जहां पर मौजूदा कांग्रेस सरकार (Congress) आने वाले विधानसभा चुनाव में खुद को विजेता मान रही है तो वहीं पर भाजपा (BJP) पार्टी भी छत्तीसगढ़ का सिंहासन कब्जाने की तैयारी में है. इसी बीच कुडूक जाति के लोगों ने बस्तर (Bastar) के सांसद दीपक बैज (deepak baij)से मुलाकात की है और इस जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की मांग की है. आखिर किसलिए इस जाति ने ये मांग उठाई है आइए जानते हैं.
इसलिए उठाई मांग
कुडूक जाति के लोगों ने बताया कि आरक्षण न मिलने की वजह से इस जाति में काफी ज्यादा पिछड़ापन आ रहा है. जिसके चलते इस जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल कर करने की मांग उठाई है. बता दें कि इस जाति के लोग इसके पहले भी राज्यपाल में मुलाकात कर चुके हैं और आरक्षण देने की मांग भी कर चुके हैं. आगामी चुनाव को देखते हुए इस जाति के लोगों कितना असर पड़ेगा ये देखने वाली बात होगी.
अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी उठा चुके है मांग
कुडूक जाति के लोगों के मुताबिक बीते दिनों में इस जाति अन्य पिछड़ा वर्ग में जाति को शामिल करने की मांग की गई थी. इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के द्वारा इसको लेकर सर्वे भी किया गया था. लेकिन कुडूक जाति के रहन सहन रीति रिवाज को देखते हुए आयोग ने बता कि ये आदिवासी समुदाय से मेल खाते हैं इस लिए पिछड़ा आयोग ने कुडूक जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के अयोग्य बताया था.
शामिल होने से लाभ
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कुडूक जाति की इस मांग से वोट बैंक में भी परिवर्तन देखा जा सकता है. एक तरफ इस जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने से इसे लाभ होगा दूसरी तरफ इसका असर चुनाव के वोट पर भी देखने को मिल सकता है. बस्तर से वर्तमान सांसद दीपक बैज कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं ऐसे में चुनावी समीकरण सही करने के लिए हो सकता है वो इस मांग को आगे बढ़ा सकते हैं.