chhattisgarh reservation issue: सत्यप्रकाश/रायपुर। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में आरक्षण के मसले पर बघेल सरकार (Baghel government) ने बड़ा फैसला लिया है. बघेल कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का लाभ देने के लिए दो दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुलाए जाने का निर्णय लिया गया है. जिसमें 2 विधेयक विधानसभा के विशेष सत्र में लाए जाएंगे. बघेल सरकार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का फायदा देने वाला विधेयक लाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बताया कि एक और दो दिसंबर को विधानभा के विशेष सत्र में आरक्षण बढ़ाने वाले विधेयक लाए जाएंगे. 


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जनसंख्या के आधार पर दिया जाएगा आरक्षण 
कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि आरक्षण का लाभ देने 2 विधेयक विधानसभा के विशेष सत्र में लाए जाएंगे, जिसमें जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का फायदा देने का विधेयक शामिल होगा. जिसमें ओबीसी को 27 फीसदी, अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी, अनुसूचित जाति को 13 फीसदी और EWS को 4 फीसदी आरक्षण देने के विधेयक शामिल होंगे. 


रविंद्र चौबे ने कहा कि विशेष सत्र में लोक सेवा और शैक्षणिक संस्थाओं में फिर से आरक्षण का लाभ देने दो विधेयक लाए जाएंगे. नये विधेयक में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और EWS को आरक्षण देने की व्यवस्था होगी. जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा, ये मुख्यमंत्री ने भी कहा है. क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट भी कैबिनेट की बैठक में रखी गई. उसपर चर्चा हुई, उसी के बाद यह फैसला लिया गया है. 


अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा
आरक्षण विधेयक के अलावा दो दिन के विशेष सत्र में अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा, जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम से पीपीपी मॉडल पर आधारित उद्योगों के तहत उत्पादित प्रोडक्ट को भी हर्बल ब्रांड के नाम से बेचा जा सकता है. सीएम के स्वेक्षानुदान की राशि बढ़ाई गई. आरबीसी 6/4 के तहत मुआवजे की राशि बढ़ाई गई. कृषि क्षति में पहले 13 हजार दिया जाता था, अब 18 हजार तक दिया जाएगा. 


1 और 2 दिसंबर को होगा विशेष सत्र 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि आरक्षण को लेकर एक और दो दिसंबर को विशेष सत्र बुलाया जाएगा, जिसमें आरक्षण से संबंधित विधेयक लाए जाएंगे. इस दौरान उन्होंने रमन सिंह के बयान पर पलटवार भी किया. 15 साल में रमन राज का खामियाजा जनता ने भुगता है, रमन राज में सैकड़ों आदिवासी जेल में ठूंस दिए गये, सीएम ने कहा कि भुपेश ने कहा कि 15 साल के कार्यकाल का रिजल्ट आ गया था. बीजेपी 15 सीट पर सिमट गई थी. ये लोग हीन भावना से ग्रसित हैं, सत्ता जाने की पीड़ा उनके मन में है. वहीं उन्होंने अबकारी मंत्री कवासी लखमा के बयान पर कहा कि उन्हें इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है. बता दें कि कवासी ने कहा था कि अगर आदिवासियों का आरक्षण नहीं बढ़ा तो वे इस्तीफा दे देंगे. 


क्या आरक्षण विवाद
बता दें कि 19 सितंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य में 58 फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया है. इससे आदिवासियों का आरक्षण 32 फीसदी से घटकर 20 फीसदी हो गया है और एससी का आरक्षण 13 फीसदी से बढ़कर 16 फीसदी हो गया है. वहीं ओबीसी का आरक्षण 14 फीसदी है. लेकिन सरकार की तरफ से कहा जा रहा है की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण होगा. ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ाकर कर 27 फीसदी किया जाएगा. जबकि एसटी का 32 फीसदी एससी को 13 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. इसी को लेकर सरकार अब दो दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुलाएगी.