चंपेश जोशी/कोंडागांव। आज के वक्त में प्रेम प्रसंग के चलते कई शादियों के टूटने की खबरें तो खूब आती हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक अनोखी शादी हुई है. क्योंकि यहां एक शख्स ने एक ही मंडप में दो-दो दुल्हन की मांग भरी. खास बात यह है कि तीनों ने सबकी सहमति से यह शादी की, क्योंकि इस शादी से न तो घरवालों को ऐतराज था और न ही समाज को. इतना ही शादी होते ही शख्स तो बेटियों का पिता भी बन गया. आप सोच रहे होंगे भला ऐसा कैसे हो सकता है, तो चलिए हम आपको पूरा मामला बताते है. 


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मामला कोंडागांव के उमला गांव का है, यहां रहने वाले रजन सिंह का रिश्ता आडेंगा गांव की रहने वाली दुर्गेश्वरी मरकाम से तय हुआ था, दोनों की सगाई हो गई. सगाई होने के बाद से ही लड़की लड़के के घर रहने लगी, जहां कुछ समय बाद दुर्गेश्वरी ने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन इसी बीच रजन सिंह को आंवरी गांव की रहने वाली सन्नो बाई से भी प्रेम हो गया. सन्नो और रजनसिंह का प्रेम इतना आगे बड़ा कि सन्नो ने भी एक बच्चे को जन्म दिया. 


दोनों लड़कियों से लड़के का था प्रेम 
रजन सिंह दुर्गेश्वरी और सन्नो दोनों से प्यार करता था, इसलिए उसने यह बात परिजनों और समाज के लोगों को बताई. रजन सिंह ने दोनों शादी करने बात कही, जिस पर दुर्गेश्वरी और सन्नो ने भी रजामंदी जता दी. इसके बाद परिवारों और समाज के की सहमति से रजन सिंह ने दोनों से एक ही मंडप में शादी की जिसमें सभी लोग शामिल हुए और तीनों को आशीर्वाद भी दिया. 


जीवन पर दूंगा दोनों का साथ 
खास बात यह है कि यह कि दुर्गेश्वरी और सन्नो अपनी-अपनी बेटियों को गोद में लेकर मंडप में बैठी और शादी की रस्में अदा की. इस तरह रजन सिंह शादी होते ही दो बच्चों को पिता भी बन गया.  रजन सिंह ने शादी के बाद कहा कि उसे दोनों से प्यार हुआ था, इसलिए अब वह दोनों का जीवन भर साथ देगा. इस अनोखी शादी की चर्चा पूरे जिले में हो रही है.


दरअसल, आज भी आदिवासी समाज में पैठूप्रथा का चलन है, जिसके तहत लड़की जिस लड़के से प्यार करती है वह बिना शादी किए ही उसके घर रहने लगती है. खास बात यह है कि इस पर लड़के या लड़की के घरवालों को भी ऐतराज नहीं होता है. हालांकि सही समय देखकर परिजन दोनों की शादी भी करा देते है. 


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