Korba: क्रिसमस से ठीक पहले 101 परिवारों की हिंदू धर्म में हुई घर वापसी, पैर धोकर हुआ सभी का स्वागत
कोरबा जिले के कटघोरा में हिंदू धर्म से धर्मांतरण करने वाले 101 परिवारों ने वापस सनातन हिंदू धर्म में घर वापसी कर ली है. इसके लिए हिंदू संगठन धर्म सेना द्वारा धर्मांतरण कर चुके परिवारों की घर वापसी के लिए कार्यक्रम रखा गया था.
कोरबा: कोरबा जिले के कटघोरा में हिंदू धर्म से धर्मांतरण करने वाले 101 परिवारों ने वापस सनातन हिंदू धर्म में घर वापसी कर ली है. इसके लिए हिंदू संगठन धर्म सेना द्वारा धर्मांतरण कर चुके परिवारों की घर वापसी के लिए कार्यक्रम रखा गया था. इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रबल प्रताप सिंह जूदेव द्वारा सनातन हिंदू धर्म में वापसी करने वाले परिवार के गंगाजल से पैर पखारे गए और उन्हें तिलक लगाकर घर वापसी कराई गई.
बता दें कि कुछ समय पहले सभी ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था. इसी कड़ी में रविवार को कटघोरा के संस्कृतिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में हिंदू धर्म में वापसी करने वाले लोग अपने परिवार के संग पहुंचे थे. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे.
हिंदुत्व राष्ट्रीयता का प्रतीक- प्रबल प्रताप सिंह जूदेव
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सभी परिवार को घर वापसी की बधाई देते कहा कि आज हिंदुत्व किसी जाति का नहीं राष्ट्रीयता का प्रतीक है. इतिहास गवाह है- जहां हिंदू घटा है, देश बंटा है. इसीलिए हिंदू बचाना मंदिर बनाने से भी बड़ा कार्य है. क्योंकि हिंदू ही मंदिर बनाएगा मंदिर हिंदू नहीं.
बड़े पैमाने पर हुआ धर्मांतरण
हिंदू धर्म सेना के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र बहादुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कटघोरा और आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने में धर्म परिवर्तन किया गया है. हम हर उस परिवार की धर्म वापसी करवाते हैं, जो किसी कारण से किसी दूसरे धर्म में चले जाते हैं. पिछले साल हमने 250 परिवारों की घर वापसी करवाई थी, इस साल हमने 101 परिवारों की घर वापसी करवाई है.
धर्मांतरण करवाने वालों को चेतावनी
इस दौरान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने चेतावनी देते हुए कहा कि मैं विरोधियों को चुनौती देता हूं. ये धर्मांतरण का घिनौना कार्य बंद कर दो अन्यथा इसका दूरगामी परिणाम विचारणीय होगा. गौरतलब है कि धर्म सेना की ओर से आयोजित सनातन हिंदू धर्म में घर वापसी कार्यक्रम के दौरान समाज प्रमुखों का भी सम्मान किया गया.
रिपोर्ट- नीलम दास पड़वार