CM Vishnu Deo Sai Big Announcement on Hindi Diwas: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन हिंदी भाषा का प्रयोग बढ़ाने और उसके महत्व को बताने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर CM विष्णु देव साय ने हिंदी भाषा को लेकर मेडिकल छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में हिंदी भाषा में भी मेडिकल की पढ़ाई हो सकेगी. मुख्यमंत्री साय की इस घोषणा को लेकर  IMA रायपुर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता संतुष्ट नजर नहीं आए. उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रयोग मेडिकल प्रोफेशन के साथ करना हाराकारी करने जैसे होगा. 


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छत्तीसगढ़ में हिंदी में मेडिकल पढ़ाई
CM विष्णु देव साय ने 14 सितंबर को एक बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा- 'हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश में अब MBBS की पढ़ाई हिंदी में भी होगी. इसके लिए छात्र-छात्राओं की संख्या अनुरूप आवश्यक पुस्तक उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं. इस निर्णय से राज्य के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लाभ होगा.' साथ ही उन्होंने ये भी कहा- 'इस साल के प्रथम सत्र 2024-25 में एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी उपलब्ध होगी.'


सोशल मीडिया पर दी बधाई
मेडिकल छात्रों के लिए इस बड़ी घोषणा के बाद CM साय ने सोशल मीडिया पर बधाई दी. उन्होंने लिखा- "मातृभाषा में मेडिकल की शिक्षा, हिंदी माध्यम के छात्रों को मिलेगी उज्ज्वल भविष्य की दिशा". हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई का निर्णय, प्रदेश के ग्रामीण और हिंदी माध्यम की पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है.  अब वे अपनी मातृभाषा में चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे, जिससे न केवल उनके समझ और ज्ञान का विस्तार होगा, बल्कि वे अपने क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देकर समाज की उत्कृष्ट सेवा कर सकेंगे. प्रदेश के युवाओं को हार्दिक शुभकामनाएं!



IMA प्रेसिंडट ने कहा- 'इस प्रयोग के लिए दुख है...'
CM साय के इस फैसले को लेकर IMA रायपुर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता संतुष्ट नजर नहीं आए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के हिंदी प्रेम का स्वागत है, लेकिन इस तरह का प्रयोग मेडिकल प्रोफेशन के साथ करना हाराकारी करने जैसे होगा. मेडिकल के सारे इंटरनेशनल जर्नल और किताबें अंग्रेजी में हैं. बिना तैयारी के इस तरह की घोषणा के लिए दुख है. इसके लिए पहले मेडिकल एक्सपर्ट्स या शिक्षकों की राय लेना चाहिए था. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का प्रयोग मध्य प्रदेश सरकार ने भी कुछ समय पहले किया था, लेकिन वह पूरी तरह से फेल हो गया. मेडिकल की पढ़ाई के लिए अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है.


इनपुट- रायपुर से तृप्ति सोनी की रिपोर्ट, ZEE मीडिया


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