नक्सलियों के पास मिली US निर्मित खतरनाक रायफल, अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में किया था इस्तेमाल
हाल ही में बीजापुर जिले के पोमरा में हुए मुठभेड़ के बाद 4 माओवादियों के शव के साथ चार हथियार बरामद किए गए है. सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि नक्सलियों के पास से बरामद चार हथियारों में से एक हथियार यूएस निर्मित आटोमेटिक कार्बाइन कैलीबर 30M1 रायफल भी बरामद हुआ है.
पवन दुर्गम/बीजापुर: हाल ही में बीजापुर जिले के पोमरा में हुए मुठभेड़ के बाद 4 माओवादियों के शव के साथ चार हथियार बरामद किए गए है. सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि नक्सलियों के पास से बरामद चार हथियारों में से एक हथियार यूएस निर्मित आटोमेटिक कार्बाइन कैलीबर 30M1 रायफल भी बरामद हुआ है. भले ही पुलिस और सुरक्षा बल के जवान इस बरामदगी को बड़ी सफलता मान रहे हैं, पर कहीं ना कहीं यह बस्तर में माओवाद क्षेत्र में माओवादियों से जंग लड़ रहे जवानों के लिए बुरी खबर भी है.
अब बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर माओवादियों के पास यूनाइटेड स्टेट निर्मित हथियार कैसे पहुंचे? इसके पहले भी नारायणपुर के माड़ इलाके में हुए 1 एनकाउंटर के बाद जर्मन मेड राइफल बरामद किया गया था. परंतु पहली बार बीजापुर में नक्सलियों के पास से यूएस मेड हथियार बरामद होने से पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई है.
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द्वितीय विश्वयुद्ध में हुआ इस्तेमाल
एसपी अंजनेय वार्ष्णेय के मुताबिक इस हथियार की मारक क्षमता 300 गज बताई जा रही है. जिससे एक साथ 15 से 20 राउंड फायर किया जा सकता है, जो बेहद ही घातक साबित होता है. इस हथियार का उपयोग US सैनिकों ने सेकंड वर्ल्ड वार, वियतनाम वार और कोरियन युद्ध में बड़े पैमाने पर किया था. बता दें कि इस हथियार का डिजाइन 1938-1941 के मध्य डेविड मार्शल विलियम्स ने किया था, जो 1942 से 1973 तक उपयोग में लाया गया.
नक्सलियों से साथ हुई थी मुठभेड़
गौरतलब है कि 30 नवंबर को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. दोनों ओर से हुई फायरिंग के बाद नक्सली जान बचाकर भाग निकले थे. नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की यह दूसरी बड़ी घटना है. इसमें 4 नक्सली मारे गए थे. वहीं 29 नवंबर को हुए नक्सली हमले में एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया था.