शैलेंद्र सिंह ठाकुर/ब‍िलासपुर: छत्‍तीसगढ़ में प्रदेश की बदहाल सड़कों को लेकर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने गहरी नाराजगी जताई है और राज्य शासन के विधि अधिकारियों से पूछा क‍ि सरकार क्या कर रही है. लोगों को आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने का काम सरकार का है. कोर्ट ने जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. 


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दो याच‍िकाओं पर हो रही सुनवाई 


बता दें, कि राज्य की बदहाल सड़कों को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दो जनहित याचिका पर एक साथ सुनवाई हो रही है. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई प्रारंभ की है. एक याचिका बिलासपुर निवासी हिमांक सलूजा की है.दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है. 


प्रदेशभर की सड़कों की पड़ताल कर रहे न्‍यायम‍ित्र 


राज्यभर की सड़कों की स्थिति की जानकारी के लिए हाई कोर्ट ने न्यायमित्रों का गठन किया है. न्यायमित्र प्रदेशभर की सड़कों की पड़ताल कर रहे हैं और डिवीजन बेंच के समक्ष रिपोर्ट पेश कर रहे हैं. न्यायमित्रों ने रायगढ़ जिले के घरघोड़ा,पत्थलगांव से लेकर जशपुर जिले के बदहाल सड़कों की तस्वीर कोर्ट के समक्ष पेश की है. 


10 वर्षों से यहां की सड़कें हैं बदहाल 


न्यायमित्रों ने कोर्ट को बताया कि घरघोड़ा, पत्थलगांव से लेकर कुनकुरी के बीच सड़क गायब है. बारिश में लोगों को आवाजाही करने में दिक्कतें हो रही हैं. दूसरा वैकल्पिक मार्ग ना होने के कारण लोग इसी सड़क से आना-जाना कर रहे हैं. बीते 10 वर्षों से यहां की सड़कें बदहाल हैं. 


बता दें छत्‍तीसगढ़ की हाई कोर्ट इस समय जन‍ह‍ित के मुद्दों पर सख्‍त रवैया अपनाए हुए है. हाल ही में बिलासपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि दहेज प्रताड़ना के केस को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना पति व ससुराल वालों के साथ क्रूरता की श्रेणी में आता है. ऐसे में पति अपनी पत्नी से तलाक लेने का अधिकार रखता है.


'दहेज प्रताड़ना को हथियार बनाना पति और ससुराल पर क्रूरता', छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी