दुर्ग में सेंट्रल जेल के कैदियों ने किया कमाल, पानी बचाने की दे दी बड़ी सीख
देश में कई जगह पानी की समस्या है. ऐसे में दुर्ग सेंट्रल जेल (Durg Central Jail) के कैदियों ने कमाल कर दिया है. दरअसल इन कैदियों के प्रयासों से ना सिर्फ जेल में पानी की समस्या दूर हो गई है, साथ ही जेल में पानी का लेवल भी ऊपर हो गया है, जिससे जेल के बोर में भी पानी का स्तर बेहतर हो गया है.
हितेश शर्मा/दुर्गः देश के कई इलाके पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. ऐसे में दुर्ग (Durg) जिले की सेंट्रल जेल (Durg Central Jail) के कैदियों ने देश के लोगों के सामने एक मिसाल पेश की है. दरअसल जेल में पानी के बोर सूखे से जूझ रहे थे लेकिन कैदियों ने मिलकर जेल परिसर में एक तालाब खोद दिया. तालाब खोदने से जहां बारिश का पानी तालाब में सिंचित हो रहा है, साथ ही पानी के बोर में भी पानी का लेवल ऊपर आ गया है.
क्या है मामला
दुर्ग जिले के कई इलाकों में जलस्तर कम हो रहा है. जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. दुर्ग सेंट्रल जेल भी जलस्तर की कमी से जूझ रही है. दुर्ग जेल में फिलहाल करीब 1700 से ज्यादा बंदी हैं. इनके रोजाना के कामों के लिए जेल में 8 बोर किए गए हैं लेकिन हर साल औसत से बारिश कम होने की वजह से जेल के अधिकतर बोर सूखे की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में पानी की कमी से निजात पाने के लिए जेल के जेलर योगेश छत्री ने एक नायाब तरीका निकाला. जिसमें जेल परिसर में सभी बंदियों ने मिलकर एक 13 फीट गहरा तालाब खोद दिया.
पिछले दिनों हुई बारिश से बारिश का पानी इस तालाब में इकट्ठा हो गया है. इस बारिश के सिंचित पानी से ना सिर्फ जेल के कैदियों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है, साथ ही जेल के बोर का जलस्तर भी ऊपर हो गया है. आज स्थिति ये है कि दुर्ग सेंट्रल जेल में पानी की किल्लत दूर हो गई है. दुर्ग सेंट्रल जेल के कैदियों की इस पहल से और लोगों को भी सीख लेनी चाहिए, ताकि पानी की किल्लत को दूर किया जा सके.
इस बीच खबर सामने आई है कि रायपुर में 220 केवी सब स्टेशन डोमा में 29 जुलाई को मेंटिनेंस काम किया जाएगा. इसके चलते रायपुर और दुर्ग जिले में कल 4-4 घंटे बिजली सप्लाई बाधित रहेगी.