CGPSC घोटाले में पूर्व चेयरमैन के खिलाफ FIR दर्ज, बेटा, बेटी और बहू की वजह से आया नाम!
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ पीएससी (CGPSC) भर्ती में हुए कथित घोटाले में पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह केस बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में दर्ज किया गया है. पुलिस ने केस दर्ज कराने वाले अभ्यर्थी केा नाम सुरक्षा कारणों से गुप्त रखा है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ पीएससी (CGPSC) घोटाले मामले को लेकर बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में FIR दर्ज की गई है. जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक ने बताया कि हाल में हुई परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है. परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी ने परीक्षा पास भी की, लेकिन अनियमितता और गड़बड़ी होने के कारण उसका चयन नहीं हो पाया. इसके बाद उसने लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
एएसपी ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर यह मामला उच्च जांच एजेंसी जो मामले की जांच कर रही है उसे सौंपा जाएगा. मामले में पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण शिकायत कर्ता का नाम अभी गुप्त रखा गया है.
जो परीक्षा में नहीं बैठे उनका भी नहीं हुआ चयन
पुलिस के अनुसार बालोद जिले के अर्जुंदा थाना क्षेत्र के अभ्यर्थी ने लिखित में शिकायत की है कि वह राज्य सेवा परीक्षा 2021 में शामिल हुआ था. वह प्रीलिम्स और मेंस पास होने के बाद इंटरव्यू तक पहुंचा. उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया, लेकिन चयन नहीं हुआ. कुछ लोग तो इंटरव्यू से तुरंत निकल गए थे. उसके बाद भी उनका चयन हो गया. इसमें पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी का बेटा, बहू, बेटी और अन्य रिश्तेदार हैं. इनके अलावा कांग्रेसी नेता, अधिकारी, कर्मचारी और प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदार भी थे. असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में जो उम्मीदवार परीक्षा में नहीं बैठे थे. उनका भी चयन हुआ है.
फरियादी और फैमिली का नाम रखा गुप्त
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले में केस दर्ज तो हो चुका है, क्योंकि मामला हाई प्रोफाइल है इसलिए इसमें बेहद गंभीरता के साथ जांच की जा रही है. शिकायतकर्ता के परिवार और उसके नाम को गुप्त रखा गया है. मामला बेहद संवेदनशील है. उन्होंने बताया कि धारा 420 के साथ-साथ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. बालोद में शिकायत के बाद पूरा पुलिस प्रशासन इस मामले में जुट चुका है.
हायर एजेंसी कर सकती है जांच
बालोद पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अपराध पंजीबद्ध तो किया गया है लेकिन मामले में सीबीआई जांच की जा सकती है. केंद्रीय एजेंसी को पूरा मामला सौंपा जा सकता है. पूरे मामले को लेकर विधानसभा में सीबीआई जांच करने की मांग उठी थी. साथ ही सरकार ने भी इस पूरे घोटाले के मामले में जांच करने की बात कही है. अब आने वाले समय में देखना यह होगा कि बालोद में दर्ज यह फिर पूरे मामले में क्या भूमिका निभाती है?
रिपोर्ट: दानवीर साहू, बालोद