Chhattisgarh News: मई की भीषण गर्मी में एक ओर तो लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं, दूसरी ओर एक अफसर की मनमानी ने 1500 एकड़ खेतों में सिंचाई और जानवरों के पीने का पानी बर्बाद कर दिया. मामला छत्तीसगढ़ कांकेर जिले का है. अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के पखांजूर इलाके में फूड इंस्पेक्टर ने पानी में गिरे डेढ़ लाख के मोबाइल को तलाशने के लिए जलाशय से 21 लाख लीटर पानी खाली करा दिया. इसके लिए चार दिन तक बिना किसी अनुमति के ऑपरेशन चलाया और मनमानी करते हुए बांध के वेस्ट वियर से होकर स्केल वाई में जमा लाखों लीटर पानी बर्बाद कर दिया


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विशेषज्ञों के मुताबिक, इतने पानी से डेढ़ हजार एकड़ खेतों में सिंचाई हो सकती थी. पखांजूर में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास रविवार 21 मई को दोस्तों के साथ परलकोट जलाशय पार्टी करने गए थे. पार्टी के दौरान जलाशय के स्केल वाई के पास उनका मोबाइल पानी में गिर गया. बताया जा रहा है कि यह ऐपल का आईफोन था. पानी में गिरे मोबाइल को तलाशने फूड इंस्पेक्टर ने सोमवार सुबह से ऑपरेशन 'सर्च मोबाइल' शुरू किया. 



ये भी पढ़ें- पति-पत्नी के बीच लंबे समय तक शारीरिक संबंध न होना मानसिक क्रूरता, इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी


रसूख के दम पर कराया खाली
इससे पहले फूड इंस्पेक्टर ने आसपास के ग्रामीणों को मोबाइल खोजने में लगाया. बात नहीं बनी तो गोताखोर बुलाए गए. इनसे भी बात नहीं तो फूड इंस्पेक्टर ने अपने विभाग के राशन दुकानों के सेल्समैनों को इस काम में लगा दिया. फिर भी मोबाइल नहीं मिला. पानी ज्यादा होने के कारण मोबाइल खोजने आ रही परेशानी को देखते हुए स्केल वाई से पानी खाली करने का निर्णय लिया गया. इसके बाद जल संसाधन विभाग के एसडीओ से मौखिक बातचीत कर पानी निकालना शुरू हुआ. इसके लिए बकायदा दो बड़े-बड़े डीजल पंप लगाए गए. 


धोखा देकर बहा दिया ज्यादा पानी 
सिंचाई विभाग के एसडीओ आरसी धीवर ने बताया उन्हें इस बात की जानकारी दी गई थी कि फूड इंस्पेक्टर द्वारा थोड़ा पानी निकाला जाएगा, लेकिन ज्यादा ही पानी निकाल दिया. जब इसकी जानकारी लगी तो मौके पर पहुंचकर पानी निकलना बंद कराया. जलाशय लगभग पूरी तरह खाली हो जाने के बाद मोबाइल फोन मिल गया है.


अब आसपास के जानवरों की प्यास बुझाने में होगी मुश्किल
जिस स्केल वाई में मोबाइल गिरा था वहां परलकोट जलाशय का अतिरिक्त पानी वेस्ट वियर के जरिए आता है. यहां गर्मी के दौरान भी 10 फीट से अधिक पानी भरा रहता है. यहां आसपास के जानवर पानी पीने पहुंचते हैं. अब पानी कम होने से जानवरों को पानी नहीं मिलेगा. इस तरह पानी बहाने का ग्रामीणों ने भी विरोध किया.


विवादों में रहते हैं ये फूड इंस्पेक्टर 
राजेश विश्वास स्थानीय होने के कारण हमेशा विवादों में रहते हैं. कोयलीबेड़ा में पदस्थ रहने के दौरान स्वयं के राशन कार्ड के चावल में गड़बड़ी के मामले निलंबित हो चुके हैं. अब अपने मोबाइल फोन खोजने पानी व्यर्थ बहाकर फिर चर्चा में आ गए हैं. चर्चा यह भी है की फूड इंस्पेक्टर के पास इतना महंगा मोबाइल कहां से आया? फूड इंस्पेक्टर ने कहा कि फोन मिल गया है, लेकिन वह बंद है. फोन में विभागीय जानकारी होने के कारण उसे तलाशना जरूरी था. फोन सुधरवाने के लिए सर्विस सेंटर भेज दिया है.