Chhattisgarh News:  छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने राष्ट्रपति को डायरिया और मलेरिया से बैगा जनजाति के 7 लोगों की मौत होने की जानकारी दी है. साथ ही प्रदेश सरकार को घेरते हुए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की बात कही है. वहीं, इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक तीन बैगा आदिवासियों की मौत उल्टी-दस्त या डायरिया से नहीं हुई है. 


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भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
पूर्व CM भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पत्र में लिखा- 'महोदया, बड़े आहत मन से मैं आपका ध्यान छत्तीसगढ़ की संरक्षित अनुसूचित जनजाति, बैगा जनजाति जिन्हें महामहिम राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है. जिनको भारत के राष्ट्रपति द्वारा विशेष संरक्षण प्रदान किया गया है. छत्तीसगढ़ में इस बैगा जनजाति की दुर्दशा पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं. चिंता का विषय है कि राज्य के कवर्धा जिले में बैगा जनजाति मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों की चपेट में हैं, जिसके कारण सोनवाही गांव, ग्राम पंचायत-झलमला, पोस्ट-चिल्फी, तहसील-बोडला में 7 लोगों की मौतें हो गई है.  इसके अलावा ग्राम-बाहना, खोदरा एवं समीप के गांवों में भी कुछ लोगों की मौत की खबरे सामने आई हैं. दुर्भाग्यजनक है कि राज्य सरकार पीड़ितों के बचाव और ईलाज करवाने के बजाय मामले को दबाने और मौतों को नकारने में लगी है.' 



राज्य सरकार को घेरा
उन्होंने आगे लिखा-  'राज्य सरकार की अकर्मण्यता के कारण बैगा संरक्षित जनजाति के जीवन के ऊपर गंभीर खतरा मंडरा रहा है. मैं स्वंय प्रभावित क्षेत्रों में 13 जूलाई को गया था वहां पर मलेरिया से बचाव के लिये लोगों को मच्छरदानी तक राज्य सरकार उपलब्ध नहीं करवा पा रही है.  लोग कुएं का दूषित पानी पी रहे है। जिससे पूरे क्षेत्र में डायरिया फैला हुआ है। कुएं के पानी का 'वाटर ट्रीटमेंट' भी सरकार नहीं करवा रही है.  गांव के लोगों से बातचीत करने पर पता चला है कि वहां पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दी जाने वाली राशन सामाग्री का भी वितरण नहीं किया जा रहा है. क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र झलमला में चिकित्सकों की पदस्थापना भी नहीं है, दवाईयों का अभाव है तथा समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं है.'


राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग
पत्र के आखिरी में भूपेश बघेल ने लिखा- 'महोदया, महामहिम राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाली बैगा जनजाति के लोगों की अकाल मृत्यु मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियों से होना चिंता का विषय है. इस पूरे मामले में आपका हस्तक्षेप आवश्यक है, ताकि इस संरक्षित जनजाति की जीवन रक्षा की जा सके.'


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मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच रिपोर्ट आई सामने
कवर्धा जिले में तीन बैगा आदिवासियों की मौत का मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में उल्टी-दस्त या डायरिया मौत नहीं होने की बात सामने आई है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक मृत बैगा आदिवासी अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित थे. 


इनपुट- रायपुर से राजेश निषाद और सत्य प्रकाश की रिपोर्ट, ZEE मीडिया


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