300 किमी तक नहीं था एक भी ट्रॉमा सेंटर, छत्तीसगढ़ के इस जिले को मिली सौगात
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सड़क हादसों में घायल लोगों को समय पर इलाज मिलने से जान गंवानी पड़ती थी. अब यहां ट्रॉमा सेंटर खुलने से एक्सीडेंट में घायल लोगों को मौतों की संख्या में कमी होगी.
देवेंद्र मिश्रा/धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के प्रवेश द्वार के लोगों की एक बड़ी मांग को स्वीकार कर लिया है. धमतरी जिले की बहुप्रतीक्षित मांग ट्रामा सेंटर को मंजूरी मिल गई है जिससे लोगों में खुशी की लहर है. वहीं, अब सड़क हादसों में घायल लोगों को समय पर इलाज मिलने से जान नहीं गंवानी पड़ेगी. इस काम के लिए शासन ने 4 करोड़ 37 लाख की स्वीकृति दी है जिसे जिला अस्पताल के न्यू वार्ड में ट्रामा सेंटर स्थापित किया जाएगा.
आए दिन होती है दुर्घटना
दरअसल, धमतरी बस्तर का प्रवेश द्वार है. इस वजह से यहां भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है. इसके साथ ही जिले में स्थित महानदी में रेत खदान संचालित होती है. ऐसे में रेत लेने आसपास जिले के हाइवा वाहन बडी संख्या में यहां पहुंचते हैं जिसके कारण आए दिन दुर्घटना होती है.
300 किमी में एक भी ट्रामा सेंटर नहीं
जगदलपुर से रायपुर के बीच करीब 300 किलोमीटर में एक भी ट्रामा सेंटर नहीं था. आसपास 50 किलोमीटर की जद में होने वाले हादसों के बाद घायलों को धमतरी ही लाया जाता है लेकिन जिले के सरकारी अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं होने से घायलों को रायपुर स्थित बडे अस्पतालों में रेफर किया जाता है. इस दौरान कई घायलों की जाते समय रास्ते में ही मौत हो जाती है. अब जिले में समय पर इलाज मिलने से घायलों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी.
इस तरह किया जाएगा यूनिट का निर्माण
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. यूएल कौशिक ने बताया कि जिला अस्पताल में सीजीएमएससी द्वारा ट्रॉमा यूनिट का निर्माण किया जायेगा जिसमें 4 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत आयेगी. इसमें सभी उपकरण और सिविल वर्क शामिल हैं. ट्रामा यूनिट के अंतर्गत हड्डी रोग विशेषज्ञ,सर्जन और निश्चेतना विशेषज्ञ के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ यहां तैनात रहेगा. यहां सीटी स्कैन भी लगाया जाएगा और मॉड्यूलर ओटी भी तैयार होगी.
दुर्घटना में मौतों की संख्या होगी कम
जिले में ट्रामा सेंटर की स्वीकृति के बाद जिलेवासियों में खुशी की लहर है. सभी वर्ग के लोग शासन को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं. साथ ही ट्रामा सेंटर खुलने से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत पर अब कुछ हद तक लगाम लगने की बात जिलेवासियों द्वारा कही जा रही है.
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