छत्तीसगढ़ के स्कूलों में आज बैगलेस डे की शुरुआत, बच्चों के साथ टीचर भी खुश
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छत्तीसगढ़ के स्कूलों में आज बैगलेस डे की शुरुआत, बच्चों के साथ टीचर भी खुश

बच्चों के मन से पढ़ाई का तनाव कम करने की मांग लंबे समय से उठ रही है. सरकार की तरफ से स्कूल बैग का भार कम करने की कोशिश भी की जा रही है.

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में आज बैगलेस डे की शुरुआत, बच्चों के साथ टीचर भी खुश

रजनी ठाकुर/रायपुरः छत्तीसगढ़ के स्कूलों में आज से बैगलेस डे मनाया जा रहा है. दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग ने हर शनिवार को बैगलेस डे मनाने के निर्देश दिए हैं. शनिवार को बच्चे एक्सट्रा करीकुलर एक्टिविटीज में शामिल होंगे. स्कूल शिक्षा विभाग के इस आदेश से बच्चों के साथ-साथ टीचर्स भी खुश हैं. इस पूरी कवायद का उद्देश्य हफ्ते में एक दिन बच्चों को बस्ते से दूर रखना है ताकि उन पर दबाव कम हो सके.

शनिवार को बैगलेस डे के दिन बच्चे लोकगीत, लोकगाथाओं के जरिए बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर जोर दिया जाएगा. साथ ही पीटी योग जैसी एक्टिविटीज में भी छात्रों को शामिल किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले कई अन्य राज्यों में भी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे के तौर पर मनाया जाता है ताकि बच्चों का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास हो सके. 

बैगलेस डे के दिन बच्चे ड्रॉइंग, राइटिंग या आर्ट जैसी एक्टिविटीज करेंगे. साथ ही बच्चों को छत्तीसगढ़ के बारे में, देश के संविधान आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी. बच्चों के बीच डिबेट, ग्रुप डिस्कशन, निबंध लेखन, कविता, कहानी लिखने जैसी एक्टिविटी भी कराई जाएंगी. मैथ क्लब, साइंस क्लब, इंग्लिश क्लब आदि का गठन कर इनके बीच में प्रतियोगिता कराई जाएगी, जिससे बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई भी कर सकेंगे. 

बच्चों के मन से पढ़ाई का तनाव कम करने की मांग लंबे समय से उठ रही है. सरकार की तरफ से स्कूल बैग का भार कम करने की कोशिश भी की जा रही है. इसके लिए सरकार ने इंटीग्रेटिड किताबें भी लॉन्च की थी. बैगलेस डे को लेकर अध्यापकों का मानना है कि इससे टीचर्स और छात्रों के बीच संवाद बेहतर होगा और टीचर्स पढ़ाई से इतर बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दे पाएंगे.  

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