Chhattisgarh News: हिंदू धर्म में कई देवी-देवता हैं और सभी की पूजन विधि अलग-अलग प्रकार की है. देश में हर धर्म व जाति के लोगों की पूजन परंपराएं व रीति-रिवाजों में काफी भिन्नता है. जहां जैसी परंपरा होती है, देवी मंदिर वहां उसी तरह पूजा की जाती है. इन्हीं परंपराओं की वजह से लोगों का भगवान में अटूट विश्वास बना हुआ है. 


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आमतौर पर किसी भी देवी-देवता का पूजन करते समय उन्हें फल, फूल और नारियल अर्पित किया जाता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं जहां प्रसाद में नारियल नहीं बल्कि कुछ और ही चढ़ाया जाता है.  इस मंदिर की पूजन विधि और रीति-रिवाज जानकर आप हैरान रह जाएंगे. 


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बच्चों के नाम से जाना जाता है मंदिर
छत्तीसगढ़ के रतनपुर में स्थित शाटन देवी मंदिर वहां के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं और इसकी बड़ी मान्यता है. इस मंदिर को बच्चों के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. अन्य मंदिरों में प्रसाद में फल-फूल, मिठाई व नारियल चढ़ाते हैं. इस मंदिर में प्रसाद के तौर पर लौकी व तेंदू की लकड़िया चढ़ाई जाती हैं. इस परंपरा को जानकर आपको वाकई बेहद अजीब लगेगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के लोगों में इस मंदिर में बहुत मान्यता है. 


बच्चों की लंबी उम्र मांगते हैं लोग
यहां लोग अपनी मन्नतें मांगने आते हैं. इसलिए इसे मन्नतों का मंदिर भी कहा जाता है. लोग यहां आकर अपने बच्चों की सेहत और लंबी उम्र की प्रार्थना करते हैं. पूजा करते समय लौकी व तेंदू की लकड़ी प्रसाद में चढ़ाते हैं. मान्यता है कि शाटन देवी के मंदिर में मांगी गई मन्नतें पूरी होती हैं और इसलिए लोगों का इस मंदिर पर अटूट विश्वास है.


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