सतीश तम्बोली/कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में दो दिन पहले लोहारा नाका चौक पर धर्म के प्रतीक झंडे को लेकर विवाद हुआ था. यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था. इस मामले की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और न्यायिक जांच की मांग को लेकर आज 5 अक्टूबर को हिंदू संगठन द्वारा शहर बंद और चक्का जाम का आह्वान किया गया था. जिसे संगठन ने पूरा करते हुए आज सुबह से ही रैली निकाली. इस दौरान शहर में एक बार फिर नारेबाजी व पथराव की स्थिति बन गई और एक बार फिर माहौल पूरी तरह से अशांत हो गया. पुलिस ने रैली निकालकर घूम रहे लोगों को खदेड़ने के लिए फिर से एक बार हल्का बल प्रयोग किया.


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आक्रोशित लोगों ने सड़क के किनारे रखे वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की. स्थिति को बिगड़ते देख एक बार फिर से प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया है. इसके साथ ही लोगों से अपने-अपने घरों में रहने अपील की जा रही है. 


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जो नारेबाजी कर उपद्रव मचा रहे हैं ऐसे लोगों को लगातार पुलिस काबू में करने की कोशिश कर रही है. बावजूद अभी तक शहर का माहौल सुधर नहीं पाया है, शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है.


क्या है मामला?
रविवार की दोपहर कुछ लोगों ने शहर के वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक पर अपना झंडा लगा दिया था. इस बात से अन्य समुदाय को आपत्ति थी. जिसे लेकर दोनों गुटों के लोगों ने सड़क पर लाठी-डंडे लेकर उत्पात मचाया था. दोनों ही गुटों में दमकर मारपीट और यहां तक की पत्थरबाजी भी हुई. इस मारपीट में 8 लोगों को गंभीर चोटें आईं.


हालांकि इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने और शहर में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए जिला प्रशासन ने शहर में 144 धारा लागू कर दी थी. साथ ही सोमवार को जिले के सभी स्कूल कॉलेज,कोचिंग और आंगनबाड़ी केंद्रों को भी पूर्णता बंद करने के निर्देश दे दिए गए थे.


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